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क्रिकेट मैच
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अमीरों जैसे स्वभाववाली युवती के लिए सुविधा की क्या सामग्रियाँ है। यह सयोग की बात है कि मैं क्रिकेट अच्छा खेलने लगा और पढ़ना-लिखना छोड-छाडकर उसी का हो रहा और एक स्कूल का मास्टर हूँ मगर घर की हालत बदस्तूर है। वहीं पुराना, अँधेरा, टूटा-फूटा मकान, तग गली में, वही पुराने रंग-ढग, वही पुराना ढच्चर। अम्मॉ तो शायद हेलेन को घर में कदम ही न रखने दे। और यहाँ तक नौबत ही क्यों आने लगी, हेलेन खुद दरवाजे ही से भागेगी। काश आज अपना मकान होता, सजा-सॅवरा, मैं इस काबिल होता कि हेलेन की मेहमानदारी कर सकता, इससे ज्यादा खुशनसीबी और क्या हो सकती थी लेकिन बेसरोसामानी का बुरा हो।

मैं यही सोच रहा था कि हेलेन ने कुली से असबाब उठवाया और बाहर आकर एक टैक्सी बुला ली। मेरे लिए इस टैक्सी में बैठ जाने के सिवा दूसरा चारा क्या बाकी रह गया था। मुझे यकीन है, अगर मैं उसे अपने घर ले जाता तो उस बेसरोसामानी के बावजूद वह खुश होती। हेलेन रुचि-सम्पन्न है मगर नखरेबाज नहीं है। वह हर तरह की आज़माइश और तजुर्वे के लिए तैयार रहती है। हेलेन शायद आजमाइशों को और नागवार तजुर्बो को बुलाती है। मगर मुझमे न यह कल्पना है न वह साहस।

उसने जरा गौर से मेरा चेहरा देखा होता तो उसे मालूम हो जाता कि उस पर कितनी शर्मिन्दगी और कितनी बेचारगी झलक रही थी। मगर शिष्टाचार का निबाह तो जरूरी था, मैंने आपत्ति की—मै तो आपको भी अपना मेहमान बनाना चाहता था मगर आप उल्टा मुझे होटल लिये जा रही है।

उसने शरारत से कहा—इसीलिए कि आप मेरे काबू से बाहर न हो जायें। मेरे लिए इससे ज्यादा खुशी की बात क्या होती कि आपके आतिथ्य सत्कार का आनंद उठाऊँ लेकिन प्रेम ईर्ष्यालु होता है, यह आपको मालूम है। वहाँ आपके इष्ट मित्र आपके वक्त का बड़ा हिस्सा लेगे, आपको मुझसे बात करने का वक्त ही न मिलेगा और मर्द आम तौर पर कितने बेमुरव्वत और जल्द भूल जानेवाले होते है इसका मुझे अनुभव हो चुका है। मैं तुम्हें एक क्षण के लिए भी अलग नहीं छोड़ सकती। मुझे अपने सामने देखकर तुम मुझे भूलना भी चाहो तो नही भूल सकते।

मुझे अपनी इस खुशनसीबी पर हैरत ही नहीं, बल्कि ऐसा लगने लगा कि जैसे सपना देख रहा हूँ। जिस सुन्दरी की एक नज़र पर मै अपने को कुर्बान कर देता वह इस तरह मुझसे मुहब्बत का इजहार करे। मेरा तो जी चाहता था कि इसी