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गुप्त धन
 


रही थी, उसी तरह जैसे वह हम लोगों की भावनाओ से खेला करती थी। महाराज-कुमार जैसा सुन्दर जवान मैने आज तक नहीं देखा। सूरत से रोब टपकता है। उनके प्रेम ने कितनी सुन्दरियों को दुख दिया है कौन जाने। मर्दाना दिलकशी का जादू-सा बिखरता चलता है। हेलेन उनसे भी वैसी ही आजाद बेतकल्लुफी से मिली जैसे दूसरे हजारो नौजवानों से। उनके सौन्दर्य का, उनकी दौलत का उस पर जरा भी असर न था। न जाने इतना गर्व, इतना स्वाभिमान उसमें कहाँ से आ गया है। कभी नहीं डगमगाती, कही रोब मे नहीं आती, कभी किसी की तरफ नही झुकती। वही हँसी-मजाक है, वही प्रेम का प्रदर्शन, किसी के साथ कोई विशेषता नहीं, दिलजोई सब की मगर उसी बेपरवाही की शान के साथ।

हम लोग सैर करके कोई दस बजे रात को होटल पहुंचे तो सभी जिन्दगी के नये सपने देख रहे थे। सभी के दिलो मे एक धुकधुकी-सी हो रही थी कि देखे अब क्या होता है। आशा और भय ने सभी के दिलों में एक तूफान-सा उठा रक्खा था गोया आज हर एक के जीवन की एक स्मरणीय घटना होनेवाली है। अब क्या प्रोग्राम है, इसकी किसी को खबर न थी। सभी जिन्दगी के सपने देख रहे थे। हर एक के दिल पर एक पागलपन सवार था। हर एक को यकीन था कि हेलेन की खास दृष्टि उस पर है मगर यह अंदेशा भी हर एक के दिल मे था कि खुदा न खास्ता कही हेलेन ने बेवफाई की तो यह जान उसके कदमों पर रख देगा, यहाँ से जिन्दा घर जाना कयामत था।

उसी वक्त हेलेन ने मुझे अपने कमरे में बुला भेजा। जाकर देखताहूँ तो सभी खिलाडी जमा है। हेलेन उस वक्त अपनी शर्बती बेलदार साड़ी में आँखों मे चकाचौंद पैदा कर रही थी। मुझे उस पर झुंझलाहट हुई, इस आम मजमे में मुझे बुलाकर कवायद कराने की क्या जरूरत थी। मैं तो खास बर्ताव का अधिकारी था। मैं भूल रहा था कि शायद इसी तरह उनमे से हर एक अपने को खास बर्ताव का अधिकारी समझता हो।

हेलेन ने कुर्सी पर बैठते हुए कहा—दोस्तो, मै कह नहीं सकती कि आप लोगों की कितनी कृतज्ञ हूँ और आपने मेरी ज़िन्दगी की कितनी बड़ी आरजू पूरी कर दी। आप में से किसी को मिस्टर रतन लाल की याद आती है?

रतन लाल! उसे भी कोई भूल सकता है! वह जिसने पहली बार हिन्दुस्तान की क्रिकेट टीम को इंगलैण्ड की धरती पर अपने जौहर दिखाने का मौका दिया, जिसने अपने लाखों रुपये इस चीज की नजर किये और आखिर बारबार