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गुप्त धन
 


धर्मवीर--इससे अंग्रेजो का क्या नुकसान हुआ? वे हिन्दुस्तान उसी वक़्त छोडेगे, जब उन्हें यकीन हो जायगा कि अब वे एक पल भर भी नहीं रह सकते। अगर आज हिन्दोस्तान के एक हजार अंग्रेज कत्ल कर दिये जायँ तो आज ही स्वराज्य मिल जाय। रूस इसी तरह आज़ाद हुआ, आयरलैण्ड भी इसी तरह आजाद हुआ, हिन्दोस्तान भी इसी तरह आजाद होगा, और कोई तरीका नही। हमें उनका खातमा कर देना है। एक गोरे अफ़सर के कत्ल कर देने से हुकूमत पर जितना डर छा जाता है, उतना एक हजार जुलूसों से मुमकिन नहीं।

माॅ सर से पॉव तक काँप उठी। उसे विधवा हुए दस साल हो गये थे। यही लड़का उसकी जिन्दगी का सहारा है। इसी को सीने से लगाए, मेहनत-मजदूरी करके अपने मुसीबत के दिन काट रही है। वह इस खयाल से खुश थी कि यह चार पैसे कमायेगा, घर में बहू आयेगी, एक टुकड़ा खाऊँगी और पडी रहूँगी। आरजुओं के पतले-पतले तिनकों से उसने एक किश्ती बनायी थी और उसी पर बैठकर जिन्दगी के दरिया को पार कर रही थी। वह किश्ती अब उसे लहरो मे झकोले खाती मालूम हुई। उसे ऐसा महसूस हुआ कि वह किश्ती दरिया में डूबी जा रही है। उसने अपने सीने पर हाथ रखकर कहा--बेटा, तुम कैसी बाते कर रहे हो। क्या तुम समझते हो, अग्रेजो को कत्ल कर देने से हम आजाद हो जायेगे? हम अग्रेजो के दुश्मन नही। हम इस राज्य-प्रणाली के दुश्मन है! अगर यह राज्य-प्रणाली हमारे भाई-बन्दो ही के हाथों में हो--और उसका बहुत बड़ा हिस्सा है भी--तो हम उसका भी इसी तरह विरोध करेगे। रूस मे तो कोई दूसरी कौम राज न करती थी, फिर भी रूसवालो ने उस हुकूमत को उखाड़ फेका तो उसका कारण यही था कि जार प्रजा की परवाह न करता था। अमीर लोग मजे उडाते थे, ग़रीबों को पीसा जाता था। यह बाते तुम मुझसे ज्य़ादा जानते हो। वही हाल हमारा है। यहाँ एक-एक ओहदेदार, एक हजार गरीबो का हिस्सा खा जाता है। देश की सम्पत्ति एक न एक बहाने निकलती चली जाती है और हम ग़रीब होते जाते हैं। हम इस अवैधानिक शासन को बदलना चाहते हैं। मै तुम्हारे पैरों पड़ती हूँ, इस सभा से अपना नाम कटवा लो। खामखाह आग मे न कूदो। मैं अपनी ऑखो से यह दृश्य नहीं देखना चाहती कि तुम अदालत में खून के जुर्म में लाये जाओ।

धर्मबीर पर इस बिनती का कोई असर नहीं हुआ। बोला--इसका कोई डर नहीं। हमने इसके बारे में काफ़ी एहतियात कर ली है। गिरफ़्तार होना तो