गुप्त-निबन्धावली
चरित-चर्चा
निकलेगी। यह दोनों किताबे आग्रा साहबके अहतमाम११ से छप
रही हैं।
मुझे खुशी है कि चाहे मेरे मज़मूनमें कुछ कमी भी हो, मगर वह
बेकार नहीं गया, उसका असर हुआ है, तबसे हज़रत 'आज़ाद'के हालात
जिन्दगीपर बहुत रोशनी पड़ी है। मुझे उम्मीद है कि इस सिलसिलाके
खत्म होने तक और भी बहुत-कुछ रोशनी पड़ेगी, और मेरी यह
खिदमत बिल्कुल बेकार साबित न होगी।
१२तसनीफ़ात आज़ाद
'आज़ाद'की तसनीफातमें दो तरहकी किताब हैं। एक तो वह जो
उन्होंने सरिश्ता१३ तालीम पंजाबके लिये लिखी और दूसरी वह जो अपने
शौकसे लिखीं । राकिमके खयालमें सबसे पहिले उन्होंने सरिश्ता तालीम-
की किताबोंके लिये कलम उठाया। यह बात सिर्फ पंजाबवालेही जानते
हैं कि सरिश्ता तालीम पंजाबके लिये बहुत किताब हज़रत आजादसे
लिखवाई गईं। दूसरे सूबेवाले इससे नावाकिफ़ हैं। सरिश्ता तालीमके
लिये जो किताबें उन्होंने तैयार की, उनमें मुन्दरजाजल१३ (क) के नाम
मालूम हुए हैं :-
(१) फ़ारसीकी पहिली किताब (२) फारसीकी दूसरी किताब (३)
जामाउलकवायद (४) उर्दू का क़ायदा ( ५ ) उर्दू की पहली किताब (६)
उर्दू की दूसरी किताब (७) उर्दू की तीसरी किताब (८) उर्दू की चौथी
किताब (८) क़सिस हिन्द हिस्सा दोयम। इनमेंसे जामाउल कवायद
आला जमातोंके लिये बनी और बाकी सब अदना जमातोंके लिये।
इनमेंसे पहिली तीन और सबसे पिछली चार किताबंराकिमने भी स्कूल-
में पढ़ी थीं।
११-प्रबन्ध । १२-रचना। १३-शिक्षा विभाग। १३(क)-निम्न लिखित ।
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पृष्ठ:गुप्त-निबन्धावली.djvu/१११
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