पृष्ठ:गुप्त-निबन्धावली.djvu/३२५

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गुप्त-निबन्धावली सेवाद-पत्रोंका इतिहास इसमें सनातन हिन्दू-धर्म सम्बन्धी लेख होते हैं और कितनेही बहुत योग्यतासे लिखे हुए होते हैं। आरम्भमें यह पत्र इस लेखके लेखकहीके कलमसे निकलता था। संबत् १६४६ में यह मुरादाबादसे जारी किया गया था। दो साल निकलकर बन्द हो गया । अब तीन-चार सालसे वह झमरसे निकलने लगा है। उर्दू में हिन्दू धर्मके मासिकपत्रोंकी चाल चली जरूर थी, पर कुछ स्थिरता नहीं हुई। पर हां, मुसलमानी मासिक- पत्र अब भी निकलते जाते हैं, किन्तु उनमें जोरदार एक भी नहीं है । हिन्दू लोग अपने धर्म और समाज सम्बन्धी मासिकपत्रोंको अब हिन्दी में ले जा रहे हैं। बहुतसे पुराने और नये उर्दू-पत्र हमारी निगाहसे छुट गये हैं और बहुतोंको हमने उल्लेख योग्य न समझकर छोड़ दिया है। उनमें देशी रियासतोंके अग्वबार भी हैं। उनमेंसे बहुत बन्द हो गये और जो हैं वह नहींके बराबर हैं। पञ्जाबमें बहावलपुर, पटियाला, कपूरथला आदि रियासतोंसे एक एक उर्दू साप्ताहिक पत्र निकलता था । उनमेंसे एकाध जारी भी हैं. पर उनका होना न होना वराबर है। हां, दक्षिण हैदराबाद में एक दो जानदार उद पत्र हैं । ग्वालियरसे “ग्वालियर गजट" उर्दू-हिन्दीमें निकलता था, पर अब वहांसे उर्दू उठ गयी है ; इससे वह पत्र हिन्दीमें निकलता है । वह मरकारी अग्वबार है। इसी प्रकार जयपुरसे “जयपुर गजट” उदृ-हिन्दीमें निकलता था और जोधपुरसे "जोधपुर गजट" उ-हिन्दीहीमें निकलता था, जो अब अगरेजी और हिन्दीमें निकलता है। और कई रियासतोंमें उर्दू पत्र निकलते थे, जो अब मिटगये। बरेली, मुरादाबाद, आगरा, इटावा, कानपुर, बदाय, फैजाबाद तथा और कितनेही शहरोंसे कई एक साताहिक उद्दे पत्र निकलते हैं। मुरादा- बादसे एक नहीं, कई कागज अब भी निकलते हैं, इनमेंसे “रहबर” और [ ३.८ ]