पृष्ठ:गुप्त-निबन्धावली.djvu/८४

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टोडरमल अर्थान जिसके चलाये माप तौल आदिको हाकिम, रेयन मब मान और उसकी बात मानकर चलं, वहीं चौधरी कहला मकता है। इसी प्रकार दलालके दम लक्षण बताते हैं। ग्यरे सराफ और व्यापारीके लक्षण बताते हैं- जग सराफ नाको कहें, जना समय पर देय। व्यापारी सो जानिये, समय पर मुद्दत लेय । नाफ हिमाब किताब हो, रोब सिताबी काम । कर्म धर्म अरु भर्म हो, सचिन धन औ धाम । साहकारके लक्षण- आधा ऊपर आधा नरे, आधा देय साहके गरे । आधेमें आधा निम्नरे, जुग टर जाय साह नहीं टरे । अथात लोग्बमें पचास हजार गाड दे, पचास हजार ऊपर रखे । उम पचास हजारमें पञ्चीस हजारका जेवर रखे। बाक़ी पचास हजारमेंसे आधे उधार दे तो वह साहकार कभी न बिगड़े। टोडरमलके समयमें सराफी कहाँ-कहाँकी नामजद थी-. प्रथम बनारस आगरा, दिल्ली और गुजरात । अग्गर और अजमेरसे, सिखै सराफी बात । मालूम नहीं, इममें अग्गर किस स्थानको कहा है। मालवेमें एक अग्गर नामका स्थान है। शायद वह उस समय प्रसिद्ध हो। या अग्र- वाल लोगोंका प्रसिद्ध नगर अगरोहा जो हिसार जिलेमें उजाड़ पड़ा है, शायद उस समय आबाद हो। आगरेका नाम तो पहलेही आ चुका है, इससे अग्गर कोई दूसरा स्थान था। बही खातेकी वर्तमान रीतिके नेता भी टोडरमलही थे । कहते हैं- सहस, तीन सौ साठ, सौ, पैसठ, पैनीस, आट । कागज आठ प्रकारके उत्तम मध्यम ठाठ ॥