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घमण्ड का पुतला
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की क्यारियाँ थीं। पीले-पीले फूलों से लहराती हुई। बगुलों और मुर्गावियों के गोल-के-गोल बैठे हुए थे। सूर्य देवता ने जंगलों से सिर निकाला, लहरें जगमगायीं, पानी में तारे निकले। बड़ा सुहाना, आत्मिक उल्लास देनेवाला दृश्य था।

मैंने खबर करवायी और कुंअर साहब के दीवानखाने में दाखिल हुआ। लम्बा-चौड़ा कमरा था। फर्श बिछा हुआ था। सामने मसनद पर एक बहुत लम्बा तडंगा आदमी बैठा था। सर के बाल मुड़े हुए, गले में रुद्राक्ष की एक माला, लाललाल आँखें, ऊँचा माथा-पुरुषोचित अभिमान की इससे अच्छी तसवीर नहीं हो सकती। चेहरे से रोबदाब बरसता था।

कुंअर साहब ने मेरे सलाम को इस अन्दाज से लिया कि जैसे वह इसके आदी हैं। मसनद से उठकर उन्होंने बहुत बड़प्पन के ढंग से मेरी अगवानी की, खैरियत पूछी, और इस तकलीफ़ के लिए मेरा शुक्रिया अदा करने के बाद इतर और पान से मेरी तवाज़ो की। तब वह मुझे अपनी उस गढ़ी की सैर कराने चले जिसने किसी जमाने में ज़रूर आसफुद्दौला को जिच किया होगा मगर इस वक्त बहुत टूटी-फूटी हालत में थी। यहाँ के एक-एक रोड़े पर कुंअर साहब को नाज था। उनके खानदानी बड़प्पन और रोबदाब का ज़िक्र उनकी ज़बान से सुनकर विश्वास न करना असम्भव था। उनका बयान करने का ढंग यकीन को मजबूर करता था और वे उन कहानियों के सिर्फ पासबान ही न थे बल्कि वह उनके ईमान का हिस्सा थीं और जहाँ तक उनकी शक्ति में था, उन्होंने अपनी आन निभाने में कभी कसर नहीं की।

कुंअर सज्जन सिंह खानदानी रईस थे। उनकी वंश परम्परा यहां-वहां टूटती हुई अन्त में किसी महात्मा ऋषि से जाकर मिल जाती थी। उन्हें तपस्या और भक्ति और योग का कोई दावा न था लेकिन इसका गर्व उन्हें अवश्य था कि वे एक ऋषि की सन्तान हैं। पुरखों के जंगली कारनामे भी उनके लिए गर्व का कुछ कम कारण न थे। इतिहास में उनका कहीं जिक्र न हो मगर खानदानी भाट ने उन्हें अमर बनाने में कोई कसर नहीं रखी थी और अगर शब्दों में कुछ ताकत है तो यह गढ़ी रोहतास या कालिंजर के किलों से भी आगे बढ़ी हुई थी। कम से कम प्राचीनता और बर्बादी के बाह्य लक्षणों में तो उसकी मिसाल मुश्किल से मिल सकती थी,क्योंकि पुराने जमाने में चाहे उसने मुहासरों और सुरंगों को हेच समझा हो लेकिन इस वक्त वह चींटियों और दीमकों के हमलों का भी सामना न कर सकती थी। कुंअर सज्जन सिंह से मेरी भेंट बहुत संक्षिप्त थी लेकिन इस दिलचस्प आदमी ने मुझे हमेशा के लिए अपना भक्त बना लिया। बड़ा समझदार, मामले को

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