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सांसारिक प्रेम और देश-प्रेम
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रफेती—उस गरीब की जान लेकर दम लोगे !

मैज़िनी फिर खयाल में डूबा—मैग्डलीन, तू नौजवान है, सुन्दर है, भगवान ने तुझे अकूत दौलत दी है, तू क्यों एक गरीब, दुखियारे, कंगाल, फक्कड़, परदेश मेंमारे-मारे फिरनेवाले आदमी के पीछे अपनी जिन्दगी मिट्टी में मिला रही है! मुझ जैसा मायूस, आफ़त का मारा हुआ आदमी तुझे क्योंकर खुश रख सकेगा? नहीं, नहीं, मैं ऐसा स्वार्थी नहीं हूँ। दुनिया में बहुत से ऐसे हँसमुख खुशहाल नौजवान हैं जो तुझे खुश रख सकते हैं, जो तेरी पूजा कर सकते हैं। क्यों तु उनमें से किसी को अपनी गुलामी में नहीं ले लेती! मैं तेरे प्रेम, सच्चे, नेक और निःस्वार्थ प्रेम का आदर करता हूँ! मगर मेरे लिए, जिसका दिल देश और जाति पर समर्पित हो चुका है, तू एक प्यारी और हमदर्द बहन के सिवा और कुछ नहीं हो सकती। मुझमें ऐसी क्या खूबी है, ऐसे कौन से गुण हैं कि तुझ जैसी देवी मेरे लिए ऐसी मुसीबतें झेल रही है। आह मैजिनी, कम्बख्त मैजिनी, तू कहीं का न हुआ। जिनके लिए तूने अपने को न्योछावर कर दिया, वह तेरी सूरत से नफरत करते हैं। जो तेरे हमदर्द हैं, वह समझते हैं तु सपने देख रहा है।

इन खयालों से बेबस होकर मैजिनी ने कलम-दावात निकाली और मैग्डलीन को खत लिखना शुरू किया।

प्यारी मैग्डलीन,

तुम्हारा खत उस अनमोल तोहफ़े के साथ आया। मैं तुम्हारा हृदय से कृतज्ञ हूँ कि तुमने मुझ जैसे बेकस और बेबस आदमी को इस भेंट के काबिल समझा। मैं उसकी हमेशा क़द्र करूँगा। यह मेरे पास हमेशा एक सच्चे निःस्वार्थ और अमर प्रेम की स्मृति के रूप में रहेगी और जिस वक्त यह मिट्टी का शरीर कब्र की गोद में जायगा मेरी आखिरी वसीयत यह होगी कि यह यादगार मेरे जनाजे के साथ दफन कर दी जाय । मैं शायद खुद उस ताक़त का अन्दाज़ा नहीं लगा सकता जो मुझे इस खयाल से मिलती है, कि दुनिया में जहाँ चारों तरफ़ मेरे बारे में बदगुमानियाँ फैल रही हैं, कम से कम एक ऐसी नेक औरत है जो मेरी नियत की सफाई और मेरी बुराइयों से पाक कोशिश पर सच्ची निष्ठा रखती है और शायद तुम्हारी हमदर्दी का यकीन है कि मैं ज़िन्दगी की ऐसी कठिन परीक्षाओं में सफल होता जाता हूँ।

मगर प्यारी बहन, मुझे कोई तकलीफ़ नहीं है। तुम मेरी तकलीफों के खयाल से अपना दिल मत दुखाना। मैं बहुत आराम से हूँ। तुम्हारे प्रेम जैसी अक्षयनिवि