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गोदान : 63
 


दिनों में इतना विश्वास हो गया कि एक बड़े भारी मुस्लिम ताल्लुकेदार को नीचा दिखाकर कौंसिल में पहुंच गए।

अपनी जगह पर बैठे-बैठे बोले-जी नहीं, मैं किसी का दीन नहीं बिगाड़ता। यह काम आपको खुद करना चाहिए। मजा तो जब है कि आप उन्हें शराब पिलाकर छोड़ें। यह आपके हुस्न के जादू की आजमाइश है।

चारों तरफ से आवाजें आईं-हां-हां, मिस मालती, आज अपना कमाल दिखाइए। मालती ने मिर्जा को ललकारा-कुछ इनाम दोगे?

‘सौ रुपये की एक थैली।'

'हुश। सौ रुपये। लाख रुपये का धर्म बिगाडूं सौ के लिए।'

'अच्छा, आप खुद अपनी फीस बताइए।'

'एक हजार, कौड़ी कम नहीं।'

'अच्छा, मंजूर।'

'जी नहीं, लाकर मेहताजी के हाथ में रख दीजिए।'

मिर्जाजी ने तुरंत सौ रुपये का नोट जेब से निकाला और उसे दिखाते हुए खड़े होकर बोले-भाइयो। यह हम सब मरदों की इज्जत का मामला है। अगर मिस मालती की फरमाइश न पूरी हुई, तो हमारे लिए कहीं मुंह दिखाने की जगह न रहेगी। अगर मेरे पास रुपये होते, तो मैं मिस मालती की एक एक अदा पर एक-एक लाख कुरबान कर देता। एक पुराने शायर ने अपने माशूक के एक काले तिल पर समरकर और बोखारा के सूबे कुरबान कर दिए थे। आज आप सभी साहबों की जवांमरदी और हुस्नपरस्ती का इम्तहान है। जिसके पास जो कुछ हो, सच्चे सूरमा की तरह निकालकर रख दे। आपको इल्म को कसम, माशूक की अदाओं को कसम, अपनी इज्जत की कसम, पीछे कदम न हटाइए। मरदो। रुपये खर्च हो जायंगे, नाम हमेशा के लिए रह जायगा। ऐसा तमाशा लाखों में भी सस्ता है। देखिए, लखनऊ के हसीनों की रानी एक ज़ाहिद पर अपने हुस्न का मंत्र कैसे चलाती है?

भाषण समाप्त करते ही मिर्जाजी ने हर एक की जेब की तलाशी शुरू कर दी। पहले मिस्टर खन्ना की तलाशी हुई। उनकी जेब से पांच रुपये निकले।

मिर्जा ने मुंह फीका करके कहा—वाह खन्ना साहब, वाह। नाम बड़े दर्शन थोड़े, इतनी कंपनियों के डाइरेक्टर, लाखों की आमदनी और आपके जेब में पांच रुपये। लाहौल बिला कूबत। कहां हैं मेहता? आप जरा जाकर मिसेज खन्ना से कम से कम सौ रुपये वसूल कर लाएं।

खन्ना खिसियाकर बोले-अजी, उनके पास एक पैसा भी न होगा। जानता था कि यहां आप तलाशी लेना शुरू करेंगे?

'खैर, आप खामोश रहिए। हम अपनी तकदीर तो आजमा लें।'

'अच्छा, तो मैं जाकर उनसे पूछता हूं।'

'जी नहीं, आप यहां से हिल नहीं सकते। मिस्टर मेहता,आप फिलासफर हैं, मनोविज्ञान के पंडित। देखिए, अपनी भद न कराइएगा।'

मेहता शराब पीकर मस्त हो जाते थे। उस मस्ती में उनका दर्शन उड़ जाता था और विनोद सजीव हो जाता था। लपककर मिसेज खन्ना के पास गए और पांच मिनट ही में मुंह लटकाए