पृष्ठ:गोरा.pdf/२०७

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। गोरा [ २०७ हैं। इस उपलक्षमें हागन बाबू, सुधीर और विनयके साथ वरदासुन्दरी और उसकी लड़कियाँ मी आई है, उनको डाक बङ्गलेमें टहराया गया हैं । परेश वाबू इन सब बखेड़ों में पड़ना नहीं चाहते, इसलिए वे अकेले कलकत्ते में ही रह गये। सुचरिताने उनकी सेवा टहलके लिए उनके पास रहने की बहुत चेयाकी थी किन्तु परंश बाबूने मैजिस्ट्रेट के निमन्त्रणमें कर्वन्य पालनके लिए सुचरिता को विशेष उपदेश देकर भेज दिया ! परसों कमिश्नर साहब और लाट साहबके सामने मजिस्ट्रेट साहबके वाले पर सन्ध्या समय परेश बाबूकी लड़कियों द्वारा अभिनत्र होने की बात स्थिर हुई है। उसे देखने के लिए मैजिस्ट्रेक अनेक इष्ट मित्र बहाँ उहाँसे बुलाये गये हैं। कितने ही चुने-चुने हिन्दू वकील, वारिस्टर और जमीदार आदि को भी इस अभिनयमें बुलानेका आयोजन हो रहा है । यह भी सुना जाता है कि उन लोगोंके लिए बागमें एक तम्बूके भीतर ब्राझए रसोइया द्वारा जल पानकी सामग्री तैयार करनेकी तैयारी होगी। हारान बाबूने कुछ ही समय में सार गन्ति वातचीतसे मैजिस्ट्रेट विशेष रूपसे सन्तुष्ट कर लिया था ! ईसा मसीहकी धर्म-सम्बन्धी पुन्तकोंमें हारान बाबूका अाधारण पाण्डित्व देखकर साहन आश्चर्यमें डूब गये ये और ईसाई धर्मको ग्रहण करने में वह अब तक क्यों विलम्ब कर रहा है यह भी मैजिस्ट्रेटने उससे पूछा। आज साँझको नदी तटके मार्ग में हारान बाबूके साथ मैजिस्ट्रेट ब्राह्म- समाजकी कार्यप्रणाली और हिन्दूसमाजके संस्कार साधनके सम्बन्धमें बड़ी गम्भीरतासे आलोचना कर रहे थे। इसी समय गोरा “गुड इंदिनिगसर" , कहकर उनके सामने आ खड़ा हुआ । कल उसने मैजिस्ट्रेट साहबसे मिलने की चेष्टा करके देखा कि साहक्क सदर फाटकके भीतर पैर रखने के लिये दरवान को कुछ मेंट देनी होती है। इस प्रकार जुर्मानेके साथ साथ अपमान स्वीकार करने में राजी न होकर आज वह साहपके हवा खाने के समय उनसे मेंट करने आया है। इस