पृष्ठ:गोरा.pdf/२११

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-- [ २८ । किसी प्रकारके अपराध का विचार न करके केवल दमन करने के लिये मैंतालीस आदमी आदी गिरफ्तार करके हवालात में डाल दिये गये थे। मैजिस्ट्रेट के साथ मुलाकात करने के वाद गोश वकीलको खोजमें निकला ! किसी से उसे खबर मिली कि सात कोड़ी हालदार यहाँ के एक अच्छे वकील है। सात कौड़ीके घर पहुंचते ही उन्होंने कहा-~-वाह, गोरा- तुम यहाँ कहाँ ! गोराने जो तमन्ना था, वहीं टीक निकला-नात कोरी गोराके महपाठियोंमें से है ! गोराने कहा-चर-घोत्रपुरक त्रासामियों को जमानत पर छुड़ा कर उनके सुकदमे की पैरवी करनी होगी। सातकौड़ीने T-जमानत कौन करेगा? गोराने कहा- तातडीने कहा-इन को सैतालीस श्रादनियों की जमानत कर सकोगे, इतनी जयदाद तुम्हारे कहाँ है ? गोराने कहा-अगर मुख्तार लोग मिलकर जमानत करें, तो उसकी फीस मैं दूंगा। सात-मगर रुपया थोड़े नहीं लगेंगे दूसरे दिन मैजिस्ट्रेट इजलासमें जमानत पर आसामियोंको छोड़नेकी दरख्वास्त दी गई । मैजिस्ट्रेट ने दरख्वास्त नामन्जूर करदी। चौदह साल. के लइकेसे लेकर असा बरसके बूढ़े तक हबाबातमें सड़ने लगे। गोराने . इन लोगोंकी अोरसे मुकद्दमा लड़नेके लिए सातकौड़ीसे अनुरोध किया। सातकौड़ीने कहा-बाह कहाँ मिलेंगे ? जो लोग गवाह हो सकते थे, वे सब तो असामी बना लिये गये हैं । इसके अलावा साहब के मारने के मामलेकी तहकीकातके उपद्रवसे इस तरफके लोग 7