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गोरा

२१२ ] गोरा हैरान हो उठे हैं : नीजिस्ट्रेट की यह धारणा पक्की हो गई है कि इस मामले में भीतर ही भीतर नले आदमियों की साजिश है। शायद मुझ पर मी सन्देह करता हो, कह नहीं सकता ; अँग्रेजी अखबार राबर लिख रहे हैं कि देशी श्रादमियों की हिम्मन और हौसला अमर इस तरह बढ़ता रहा, तो अरक्षित असहाय अँग्रेज लोग अव नुमान्सिलमें रहने हो न पावेंगे। इधर, इसी बीच में यह हाल हो गया है कि देशके अादमी अपने ही गाँव देशमें रह नहीं सकने । अत्यचार हो रहा है, यह मैं जानता हूं, किन्तु क्या किया जाय, कुछ करनेका उपाय नहीं है । गाराने गरज कर कहा-क्यों नहीं है ? सातकाडीने हँस कर कहा-देखता हूँ, तुम स्कूल में जैम थे, ठोक वैसे ही अभी तक बने हुए हो। उपाय नहीं है, इसके भाने वह है कि हम लोगोंके घरमें औरने और लड़के वाले हैं ! रोज कमाई किये बिना समी आदमियोंको भूखे रहने पड़े। पराई वला अपने सिर पर लेकर मरने के लिए राजी होने वाले श्रादनी संसारमें अधिक नहीं है, खास कर उस देशमें, जहाँ परिवार पदार्थ निहायत छोर्य मोटी चीज नहीं है। जिनके ऊपर दस आदमियोंका बोझ है, वे उन आश्रित श्रादमियोंको घोड़ कर अन्य दल आदमियों की अंर ताकनेका अवकाश ही नहीं पाते। गोराने कहा-तो तुम इन लोगों के लिए कुछ भी नहीं करोगे ? सातकोंडीने कहा-अरे तुम यह नहीं देखते कि अंग्रेज को मारा गया हैं ? हर एक अँग्रेज ही यहाँ राजा है-एक छोटमे अँग्रेज को मारना भी एक छोटा मोटा राज विद्रोह माना जाता है। जिसस कुछ लाम नहीं होनेका, जो अवश्यही निष्फल होगा, उसके लिए ब्यर्थ चेष्टा करके मजिस्ट्रेटके का आगमें पड़ने का काम मेरे द्वारा नहीं होगा! कलकने जाकर वहाँके किसी बकालकी सहायतासे कुछ सुभीता होता है कि नहीं, यह देखने के लिए दूसरे दिन साढ़े दस बजेको ट्रेन रवाना होने के इरादेमे गाराने यात्रकी । किन्नु बीच होमें बाधा पड़ गई। यहाँ के मलेके उपलक्षमें कलकत्तके छात्रोंकी एक टीम' । दल) से