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गोरा

बुलाने का विचार किया कि ठीक उसी समय उसके घर के सामने ही एक किराये की गाड़ी के ऊपर किसी रईस की बढ़िया गाड़ी के घोड़े आ पड़े और किराये की गाड़ी का एक पहिया तोड़ते हुये बड़ी तेजी से निकल गये, किराये की गाड़ी बिलकुल उलट तो नहीं गई पर टूट कर जहाँ की तहाँ ढेर हो गई । जिस रईस की गाड़ी से यह घटना हुई उसने नजर उठाकर इधर देखा तक भी नहीं।

विनय चटपट बरांडे से नीचे उतर कर सड़क पर गाड़ी के सामने आ खड़ा हुआ, उसने देखा गाड़ी के भीतर से एक १७-१८ साल की लड़की उतर आई है और भीतर से एक अधेड़ मद्र पुरुए उतरने की चेष्टा कर रहे हैं, विनय ने सहारा देकर उन्हें गाड़ी के बाहर निकाला और उनके मुख की ओर देख कर पूछा:-"आपको चोट तो नहीं लगी।" उन्होंने- "नहीं चोट तो नहीं आई" कहकर हंसने की चेष्टा की परन्तु वह हंसी की रेखा वैसे ही विलीन हो गई जब वह अचेत से होकर गिरने लगे। विनय ने उनको पकड़ लिया और उस घबड़ाई हुई लड़की से कहा:-"यह सामने ही मेरा घर है : भीतर चलिये कोई चिन्ता की बात नहीं है।"

वृद्ध को बिछौने पर लिटा चुकने के बाद लड़की ने एक बार इधर उधर नजर घुमाकर देखा । एक कोने में सुराही रखी थी । सुराही से ; गिलास में पानी लेकर वह वृद्ध के मुंह पर जल के छीटे देकर पंखा हांकने लगी। लड़की ने विनय से कहा-यदि आप कोई डाक्टर बुला सकें तो बड़ी कृपा होगी।

विनय के घर के पास ही एक डाक्टर रहते थे। विनय ने अपने नौकर को उन्हें बुला लाने के लिये भेजा । कमरे के भीतर एक मेज पर एक बड़ा आइना, तेल, शीशी, कंघी, ब्रश आदि सामान रक्खा हुआ था, विनय आइने के सामने कुर्सी पर बैठी उस लड़की के पीछे खड़ा मंत्र मुग्ध हो एकटक उस आइने में उसके रूप को देखने लगा।