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गोरा

गोरा [ ४५ आनन्दमयीको इससे कुछ आश्चर्य हुआ ? गोराने जरा सोचकर फिर कहा--नाकल तो मेरा जाना न हो सकेगा ? कृष्णा-क्यों? गोरा-कल मुझे त्रिवेणी जाना है। कृष्णदयालने विस्मित होकर कहा--त्रिवेणी ? गोरा-जी हाँ कल सूर्यग्रहणका नहान है। आनन्द०-तेरी तो अजब बातें हैं गोरा । स्नान करना चाहता है तो कलकत्ते की गङ्गा है। त्रिवेणीके बिना तेरा स्नान ही न होगा ? तू तो देश भरके आदमियोंसे बढ़ा जाता है। गोरा इसका कुछ उत्तर न देकर चला गया ! गोराने जो त्रिवेणी स्नान करने का विचार किया उसका कारण यही था कि वहाँ अनेक तीर्थ यात्री एकत्र होंगे। गोरा जहाँ जरा भी मौका पाता है वहीं वह सब संकोच और पूर्व संस्कारको बलपूर्वक त्याग कर देशके सर्वसाधारण लोगोंके साथ समान क्षेत्रमें खड़े होकर जीसे कहना चाहता है कि “मैं तुम लोगों का हूँ और तुम लोग मेरे हो !"