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गोरा

गोरा आनन्दमयीके हृदयका बोझ हल्का हो गया। उसने आँसू पोछकर कहा-जानो बेग १ इनके शीघ्र मरनेकेकी अाशका नहीं है। उधर गोराके निकट बात भी प्रकट हो गई, इससे कृष्णदयाल बड़े भयभीत हो गये । अाखिर उन्होंने बड़े कातर भावसे कहा--देखो गोरा, इस बातको किसीके आगे प्रकट करने की अावश्यपता नहीं । केवल तुम समझ बूझकर काम करो तो जैसे चला जाता था वैसे चल जायगा। कोई कुछ न जानेगा। गोरा इसका कुछ जबाब न देकर चला गया। कृष्णदयाल से उसका कोई सम्बन्ध नहीं, यह जानकर वह खुश हुआ | महिमको आफिससे एकाएक गैरहाजिर होने का कोई उपाय न था वह डाक्टर का लाने सब प्रबन्ध करके एक बार केवल साहबसे छुट्टी लेने गया। उसने पूछा---गोरा कहाँ जा रहे हो ? गोरा-समाचार अच्छा है । डाक्टर आये थे कहा, कोई डर नहीं, शीघ्र श्राम हो जायगा । महिमने बड़ी तसल्ली पाकर कहा-परसों अच्छा मुहूर्त है---शशि- मुखीका ब्याह उसी दिन कर दूंगा ! नुमको कुछ उद्योग करना पड़ेगा । और देखो विनयको पहले ही सावधान कर देना जिसमें वह उस दिन न आवे अविनाश पक्का हिन्दू है ! उसने समझाकर कह दिया है जिसमें उसके ब्याह में वैसे लोग न आने पावें । एक बात और तुमसे अभी कह रखता उस दिन अपने आफिसके बड़े साहबको नेवता देकर लाऊँगा। तुम उनसे जरा सादगीके साथ पेश आना और कुछ नहीं, सिर्फ जरा सिर नवाकर गुडईवनिंग कहने से तुम्हारा हिन्दू शास्त्र दूषित न होगा बल्कि नुम पण्डितों से व्यवस्था ले लेना । समझते हो न, वे हमारे राजा के सजातीय है उनके आगे अपना अहङ्कार कुछ कम करनेसे तुम्हारा अपमान न होगा। महिम की बात का कोई उत्तर न देकर गोरा चला गया ।