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गोरा

गोरा [ EE कहते ही विनय आ पहुंचा । अानन्दमयीकी आंखोंमें आँसू भर आये। उन्होंने नेहसे विनयके शरीर पर हाथ फेर कर कहा-विनय भैया, तुम खाकर नहीं आये.? विनयने कहा-नहीं, माँ। आनन्द०-आज तुम यहीं खाना । . विनयने एक बार गोराके मुंहकी अोर देखा । गोरा ने कहा विनय, तुम्हारी बड़ी उम्र है । मैं तुम्हारे ही यहाँ जा रहा था । आनन्दमयी---की छातीका बोझ जैसे उतर गया । वह चटपट नीचे चली गई। 'दोनों मित्र बैठकमें आकर बैठे। गोराने जो जबानमें अाया, वही कह कर मौन मन किया। दोनों जब खानेको बैठ-गये, तव आनन्दमयीको उनकी बातचीतसे मालूम हुआ कि अभी तक उनके दिल साफ नहीं हुए ! दोनों ओरसे सफाई नहीं हुई; पर्दा नहीं हटा, समावट मौजूद है । उन्होंने कहा -विनय रात अधिक हो गई है, तुम आज यहीं सो रहो । मैं तुम्हारे घर पर खवर मेजे देती हूँ। विनयने एक चकित इष्टि गोराके मुंह पर डाली और बोला "भुक्त्वा राजबदाचरेत"---खाकर राजोंकी तरह रहे । खाकर राह चलना नियम विरुद्ध है ही। खैर तो आज यहीं सोना होगा । . भोजन के बाद दोनों मित्र छत पर आकर चदाई बिछा कर बैठे। गिजें की घड़ामें ग्यारह बज गये। गाड़ियोंके चलनेकी घरघराहट धीमी पड़गई । गोरे अँग्रेजोंके मुहल्ले और गली में किसीके जागनेका कोई लक्षण नहीं देख पड़ता था केवल पड़ोसीके अस्तबलमें काठके फर्श पर घोड़की टापका शब्द कमी-कभी सुन पड़ता था, या कभी-कमी कुत्ते भूखने लगते थे। दोनों बहुत देर तक चुप रहे । उसके बाद बिनयने कहा-माई गोरा, मेरा हृदय भर उठा है, किन्तु तुमसे कहे बिना मुझसे नहीं रहा जायगा । 3