पृष्ठ:गोर्की की श्रेष्ठ रचनाएँ.djvu/१४९

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मोल्पीया की लड़की "नही दूंगा । लेकिन मैं उससे खुद ही कह दूंगा . " सर्दीकोव स्तम्भित होकर उसकी तरफ देखता रह गया । " तुम उससे कह दोगे ? अपनी औरत से ? " " क्यों , हाँ , कह दूंगा ! " "किसलिए ? " "मैं कह दूँगा तो ठीक रहेगा ! " सर्दीकोव ने भाहो में गाउँ दीं , एक तरफ को देखा और गहरी सांस ली । " यह गम्भीर मामला है, अच्छा, यह ठीक है ! हरेक व्यक्ति देख सकता है कि वह तुम्हारे योग्य नहीं । यह वेप लिसे घर में पैदा हुई है । मूर्खता टसके रक्त में समाई हुई है । तुम एक काले घोड़े को धोकर सफेद नहीं बना सकते और इस पर समय बर्बाद करना भी उचित नहीं । " "वह समझ नहीं पाया है ! " पापेल ने सोचा । " तुम उसे प्यार नहीं करते , " उसने खामोशी से कहा । " तुमने ही तो कहा था , " सर्दीकोच ने कठोरता से कहा - "मैं नहीं ___ करता, में दूसरी को प्यार करता - " फिर पावेल ने पूरा : " तुम भी उसी रास्ते पर चल रहे हो ? " " सि रास्ते पर ? श्रोह, हा .. .... " सदकोच ने एक फीकी इसी हंसते हुए कहा : " हो , भाई, मैं भी इसी भंवरजाल में फंस गया है । " पावेल ने आश्चर्यचकित होकर उसको भोर देगा और पूछा : "यन कैसे पा ? क्या तुम दोनों में निमती नहीं या म्हारी स्त्री तुम्हारी कामरे नहीं ? " ___ " यही सो बात यह कामरेट है ! मदीकोच रोपन से बोला " यही तो मुन्नीस - यह हरदम भयंकर रूप से स्वास्नी रहती