पृष्ठ:गोर्की की श्रेष्ठ रचनाएँ.djvu/२४१

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२४० सेमेगा कैसे पकड़ा गया "ए, शैतान के घञ्च । यह तुमने क्या किया, हरामी की औलाद पूरी प्लेट निगल गया । " "किस चीज की ? " सेमेगा ने पूछा जो अब दरवाजे की तरफ बढ रहा था । ___ कलेजी की । प्लेट को चाट पोंछ कर साफ कर गया । मैं देख ही न सका कि उसने इतनी जल्दी कैसे की । सारी एक बार में ही निगल गया । " " तो मेरा ख्याल है कि अब तुम भीख मांगते फिरोगे । " सेमेगा ने दरवाजे से बाहर निकलते हुए रूखी श्राबाज में कहा । ___ सड़क में चलती हुई गोली और थपेड़े मारती हुई हवा हल्का सा शोर मचा रही थी । वरफ के गीले टुकड़े इतने जोर से बरस रहे थे कि हवा उबलते हुए हल्लुवे की तरह भारी और घनी हो उठी थी । सेमेगा वहाँ खड़ा होकर क्षण भर सुनता रहा मगर वहाँ हवा की सन सनाहट और मकानों की दीवालों और छतों पर पड़ने वाली वरफ की आवाज के अलावा और कोई भी आवाज नहीं सुनाई पह रही थी । ___ वह आगे चल दिया और लगभग दस कदम चलने के बाद एक चहार दीवारी के ऊपर चढ़ कर दूसरी तरफ उतर गया जो किमी के मकान का पिछवाडे वाला बाग था । एक कुत्ता भौंका और जवाब में एक घोश हिनहिनाया और फर्ग पर अपने सुम पटकने लगा । सेमेगा फुर्ती से दीवाल फाँद कर सड़क पर वापस या गया और तेजी से शहर के भीतर की ओर चल दिया । कुछ देर बाद उसे अपने प्रागे कुछ शोर या सुनाई दिया जिसने उसे एक दूसरी चहारदीवारी पर चढ़ने को मजबूर कर दिया । इस बार उसने बिना र किसी दुवंटना के मकान के सामने वाला अहाता पार कर लिया । उसके बाद बुले फाटक में होकर याग में पहुचा फिर दूसरी चहार दीवारियो और बागो को पार करता हश्रा उम मटक पर था पहचा जो उस मड़क के समानान्तर चल रही थी जिम पर इयोना पेत्रोविच की सराय थी ।