पृष्ठ:गोर्की की श्रेष्ठ रचनाएँ.djvu/२४२

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सेमेगा से पकड़ा गया चलते हुए उसने छिपने के लिये कोई सुरक्षित स्थानि खोजने केवयय में सोचा परन्तु असफल रहा । सारे सुरक्षित स्थान श्रव असुरक्षित बन गये थे क्योंकि पुलिस ने चारों act हूँढ़ सोन प्रारम्भ कर दी थी और ऐसे तूफानी मौसम में खुले में बाहर रात विताना या पुलिस द्वारा पकडे जाने का प्रतरा मोल लेना कोई अनही वात नही थी । यह हल्के कदमों से आगे बढ़ा और बराबर तूफान की सफेद धुन्ध में श्रागे निगाहें गढ़ाये रहा जिसमे चुपचाप मकान , गादियों के अ , सदक पर लगी हुई वत्तियों, पेद प्रादि उभर आते , जो सद मुलायम घरफ के टुकड़ों से ढके हुए थे । ____ उसने थपने सामने , कही से, तुफान की गरज से ऊपर उठती हुई एक अवाज सुनी । यह एक बच्चे की रोने की कोमल वनि के समान थी । वह एक जगली जानवर की तरह , जी सत्तरे को भाँप कर ठिठक जाता है, श्रागे को गर्दन बढ़ाये , रुक कर सुनने लगा । श्रावाज बन्द हो गई । मेमेगा ने सिर झटकारा और प्रागे यदा । उसने अपनी सोपी पीचर प्रोखों के ऊपर कर ली और गर्दन को घरफ से बचाने के लिये कन्धे सिकोट लिये । फिर उसने रोने की प्रामाज सुनो, पोर इस बार यह टोक उनके पैरों के नीचे में पा रही थी । वह चौंका, लिटका , नीचे भुका, हाथों से जमीन को टटोला, फिर सोधा वा दुवा और पाये हुए घपउन पर जमी हुई बरफ को झादने के लिये उसे गरमोरा । 1 " चोह , बहुत सुन्दर ! फ बच्चा मित्र क्या दिया जाय ! " यह पर को गौर में देखते हए. युवदा उठा । दशा गर्न था और हाथ पैर फेंक रहा था । पिपली हुई यरफ में पूरी नरह भाग रहा था । उसका पेहरा, मेमेगा की मुट्ठो ६ परापर भी न था , लाल चौर मारियों में भाग 1 1 उसको भोयें भी उनका ना मान