पृष्ठ:गोल-सभा.djvu/१३२

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एम० के० गांधी सरोजिनी नायडू १२२ गोल-सभा हो गई हों। ऐसीअवस्था में इस समय जिनके हाथों में कांग्रेस का कार्य है, उन लोगों में से किसी ने यदि हम लोगों से मिलना चाहा, और शांति की स्थापना के लिये स्वयं सरकार भी उत्सुक हुई, तो फिर हम तक उनके पहुंचने में कोई कठिनाई न होगी। वल्लभभाई पटेल जयरामदास-दौलतराम सप्र-जयकर के बाद मि० एलेक्जेंडर ने संधि-चर्चा शुरू की। आप इंगलैंड के के करड्स एसोसिएशन के एक कार्यकर्ता हैं। और २२ जुलाई सन् ३० को भारत में पहुंचे थे। उक्त एसोसिए- शन का उद्देश्य संसार में शांति स्थापित करना है। मि० एलेक्: जेंडर ने अर्थ-सदस्य मि० जॉर्ज शुस्टर और इरविन से १० दिन तक शिमले में बात की, और अपनी एक गुप्त संधि-योजना पेश की। लॉर्ड इरविन ने योजना देखकर उसे कांग्रेस नेताओं को दिखाने को कहा। इसलिये वह डॉ० अंसारीसे (जो उस समय स्थानापन्न प्रेसिडेंट थे) मिलने दिल्ली चल दिए । लेकिन दिल्ली पहुँचने के कुछ ही पहले डॉ० अंसारी आदि सब लीडर गिर- फ्तार कर लिए गए थे। अतः वह बंबई गए, और ६अगस्त को वहाँ के गवर्नर से भेंट की। ७ को यरवदा-जेल में गांधी से एकांत में बात की। फिर वह इलाहाबाद पं० जवाहरलाल से मिलने आए । वह नैनी-जेल पहुँचे, पर अधिकारियों ने भेंट न करने दी। फिर वह मंसूरी गए, और मोतीलालजी से बात की। पर फल कुछ न हुआ, और यह चर्चा भी रही हुई।