पृष्ठ:चंदायन.djvu/२३९

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२३. बाज नमूदन (चाँदका अपना पडप्पन जताना और लोरक्की निन्दा करना)। १-संभोह । २-पाउ। ३-मोर देह । ४-आउ।५-पिला पद पहले और पहला पद पीछे है । ६-उपर जे।७-मोहहि । २६३ (रोलैण्डस २०९) जवाब दादने मैंना मर चाँदा रा (चाँदका मैनाका उत्तर) मोर पुरुख खाँड जगं जाने । गन गन्धरप सब रूप पखाने ॥१ पंडित पढ़ा सरा सहदेऊ । चार वेद जित जाय न कोऊ ॥२ भीम बली भोज के जोरा । राघो बंसक कुंकुं लोरा ॥३ खिनै पंथ जे लेत उचारी । अस वनोल सन साधर डारी ॥४ मोर पीउ सरग के अछरहिं रावई । तिहि जइसे पहँ पाउँ धोवावइ ॥५ तुरी चढ़े रन वाग न मोरे, तू कस भंजसि ताहि ।६ भाइ भतार तोर (डरपकना), जानों सेवक आह ॥७ मूलपाठ--(७) डरपना । टिप्पणी-(२) सहदेऊ-पाँचो पाप्टयों में सहदेव अपने पाण्डित्यके लिए विख्यात थे। (३) भीम-इनकी ख्याति अपने बल के लिए है। राघो-राघव, रघुवंशी । दिन्नु अहीर होने कारण लोरक्को रघुवंशी नहीं कहा जा सकता। सम्भवतः मूलपाठ यादी (पादय, यदुवंशी) होगा। (७) रिपकना-दरपोक, कायर । २६४ (रीरेण्ड्स २०९) ज्याव दादने चाँदा मर मैंना रा (मैनासो गादका उत्तर) जोत लोर लीन्ह महिं लायसि । फिरि के मैंना देस न पारसि ॥१ आइ सि अप करिहै मोरे । सपनडु सेज न आयइ तोरे ॥२