पृष्ठ:चंदायन.djvu/२६३

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इस प्रतिम परियार और ३ प्रमश ३ और २ हैं और पनि २ के पद पीछे आगे हैं। १--आवइ दाँत पावा । २-पार्छ पिरि जो लेख हेरा । पावन आर पाक (बाघ) जस देश । ३--मुँह पिराइ लोर सेउ कहा । वह देखु बावन आवत आहा ! ४-यावन । ५-आव्हत आव्हत। ६-सोइ लेरक । v-औ लोरफ बाँह । ८-ऊँचा विरिस मुहावन, लेख सोनहि हह । टिप्पणी-(१) पाया-पैर! (२) पाला-पोडे । हेरा-देसा। (1) आम्हत हुत--आते ही, आते आते। ओडन-दाल । ठेला- हटाया। (६) माह-वाय। (७) अप~-आम । आउ-आपर । भावकारिक निपा) हुआ। ३१२ (रीरेण्ट्स २५२ . मनेर १५४५) गुफ्तने चाँदा मर बावन रा ( पावनसे चाँदका बहना) पापन कहि गौं' चाँद कुमारी | काह लागि तुम्ह कीन्हि' गुहारी ॥? माइ पाए जो दीन्हि मियाही । चरम देवस हो तुम्ह पहिं आही ॥२ पिरम कहा मैं कोन्हि न पाता। ते न देसउँ कार कि राता ॥३ सुवन सुना हुत तुम्हारा' नाऊँ । तरसि मुयउँ ६ सेज न पायॐ ॥४ जस आयउँ तस मैके गयउँ । दयी क लिसा सो में पयेउँ ॥५ बहुरि जाहु पर अपने, चानन मंग तज मोर १६ राउ रूपचन्द वाँठा मारा, आह सो कुंकू लोरं ॥७ पाठान्तर भनेर प्रति- शीर्षक दास्तान दुम्माल्ये चाँद व लोस दबाटने रावन व गुफरने चौदा पावन रा दुतरे लोरप (पावनरा चाँद और होरपका पोम परना और चाँदका पावनसे रक्सी मासा धरना)। इम प्रतिमें पनि ३ और ४ मा ४ और है। ५ मावन सन कहि । २-३ मि । ३-परम देवस तुमरी आहो। ४~-पिरम पहा ना कही मो माता सिंद न देने पार कि राता। -