पृष्ठ:चंदायन.djvu/३७६

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३६८ बरतेंगे । हम आरत (फूट प्रान) भेजेंगे, यदि उन्होने उसकी पूर्ति न की तो हम उनक संग विवाह हरगिज नहा करगे। रि उसने दसॉधीरो पारात देसको भेजा। दसौंधीनो आते देख वरू से बोला-अगोरियाशी रही चर्चा सुनी है। यहाँका राजा मल्यगित बल्यान है । न मालूम रिस ढगसे वह युद्ध करता है कि वह सर यारातियोशे मारपर पहूचे डोरेको छीन लेता है और अपने रनिवासमे ले जाकर उसे अपनी रानी बना लेता है। अगोरियाको स्थिति अभी तक मेरी समझम नही आयो । सामनेसे एक धापन आ रहा है। यदि आप कह तो उसे धारातमे घुसने न दिया जाय । यदि उसने वागतम घुसकर यागतको काट टाला तो पीछे उसके मारने से क्या लाभ होगा। यह सुनकर वासने वहा-सात तो ठीक है। वह पारातमें घुसने न पाये। आशा पाते ही संवरूने एक ताडवा पेट उखाड लिया और उसे भूमिपर पटक दिया-जिससे वह परमर वर सरीसा बन गया। उसे इतने जोरसे घुमाया कि उसकी हवा जा धावनको ल्गो तो वह भागवर मनियार दरवानेपर पापम ज पहुँचा । बोल-मैं आपकी बारात देसने न जाऊँगा । बारातवारे आदमी नहीं जान पडते । उन्होंने तो ताटका पेड़ उसावर रस छोडा है। यह सुनकर महरा ने शिवचन्दसे कहा-वह लोग तो चतुर जान पहते हैं। अपनी बारातके प्रति वे पहलेसे ही सजग हैं। जातक कोई जानकार नहीं जायेगा तब तय वे क्सिीको भीतर नहीं घुसने देंगे। इसलिए तुम, नाई और पल्टित तीनो आदमी जाओ। विवाहका तो कोर प्रबन्ध अभी हुआ नहीं है । इसलिए पण्डितसे कहना कि यह अहीरयो समझा दें कि लग्नका दिन निश्चय करनेम गडबडी हो गयी। अमी सात दिन और सात गत भद्रा है, इसलिए तरतरु वह अपनी पारात ठहराप । रसद पानी जो भी कहेंगे यह सर हम इक्ट्ठा कर देंगे। इस बीच बारातमा जो प्रबन्ध परना होगा कर लिया जायगा। उधर मल्यगित अगौरियासे यारात भगानेका उपाय रचने लगा। उसने गाँव भरपेल्टयोंको बुगर ल्यार दिया। ल्टयोंने शह पापर अपनी पाउम टॉप टुाद इन्ह पर लिये और माराव निकट पहुँचवर विपर गये और लगे ईट पॅक्ने । सँवस्ने देखा यि डये पारातियोंरो इटोंसे मारपर परेशान कर रहे है तो उसने अपने वाहवाल हाइ उठाया । यह देस दरे माग राई हुए। मल्यगितने तर महतरे पास पहला भेजा कि अहीरयी पारातम तिने दुरदी, उन सपको नियार चाहर रो अन्यथा विवाहके हमें विपाद उपत्र से जायेगा। यह सुनकर महरा सोचने लगा कि राजा पिसी तरह मेरी रजत रहने नहीं देना चारता 1 दुविधा पदवर बोला-राजा सल्यान है उससे बात तो माननी ही होगे। रिश्चन्द, परित और नाई तीनों यरातकी ओर घरे। शिवचन्दये आते ही रस्ने उटपर मणाम दिया जार पिर पुदाल क्षेमकी बात होने लगी। इस बीच