पृष्ठ:चंदायन.djvu/३७९

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वह अदर गयी और कपडा पहनकर तैयार हुई और और सूर्यसे ऑचल पसारकर विनय की कि मेरे सत्यकी सान रखिये। और विनय करने चमकी दो चल्नी एकमें ही जोडकर महराको दे दिया और बोली-कि दोनों चलनीमें पानी भर दें। इनमें जितना पानी रहेगा, उसमें अहोरकी बारात सात पार पाँव पखारेगी पिर भी वह नहीं घटेगा। इस प्रकार जब काकाको यह मॉगकी पूर्ति हो गयी तो उसने दूसरा पर लिस वाया और कहा कि बारह स्तनोवाली ऐसी वस्तु भेजिए जिसकी धार एक ही हो । इस आरतका अर्थ जाननेके लिए महरा मुहल्ले परमे घूमता पिरा, लेकिन क्सिीसे उसकी पृति न हो सकी । तब यह मल्यगितके दरबार में पहुंचा । जब वहाँ भी कुछ न हो सका तो घर लौटकर दुखित होकर रानी पद्मासे कहने लगा-बेटी मजरीके कारण मेरी दुर्गति हो रही है। मजरीने जब यह सुना तो बोली-आप जरा-सी बातमें घबडा जाते हैं और बेटीके भाग्यको दोष देने लगते हैं | कुम्हारके यहाँ चले जाइए और उससे एक करवा पनवाइए, उसमें बारह छेद करवा दीजिए और उसके ऊपर एक पेंटी लगवा दीजिए और उसीको भेज दीजिए । महराने वही किया। इस प्रकार उनके माँगको पूर्ति हो गयी। दोनों ओरको प्रतिस्पर्धा समाप्त हो जानेपर विवाहकी तैयारी होने लगी । जर यह सूचना मल्यागतको मिली तो उसने अपने भँवरानन्द नामक हाथीको शराब पिलायी। शराय पीकर जब हाथी नशेम चूर हो गया तब उसे लोहेकी अस्सो मनकी जजीर पक्डा दी और बारातका रास्तेमें हो रोक देने के लिए भेजा। हाथीने महराके मुख्य दरवाजे को रोक दिया । जब संवरूकी बारात द्वारके निकट पहुँची, तो हाथीने पीके घूमकर जजीर घुमाना शुरू किया । पल्त. बारात बादलोकी तरह पटवर भाग निकली। सँवरू और मिता एक किनारे हट गये । रोरिक भी एक तरफ होकर हाथीकी मार बचाने लगा। जब हाथी दाहिने घूमे तो वह बाय उछल जाय और जर वह धायें धूमें तो लोरिक दाहिने उछल जाय। जिस प्रकार हाथी घूमें लोरिक भी उसी प्रकार धूम जाय । अन्तम लोरिकने सङ्ग निकालकर मतवाले हाथीको हत्यारा । जब सूड घुमाकर हाथीने रोरिकपर जजीर चलाया तो लोरिक उडल्चर एक बगल हो गया और उदयर सगरो हायीके गरदनपर वार किया। हाथीका सिर धडसे अलग हो गया । लेरिकने सुडको उठाकर इतने जोरसे का कि वह मल्यगितके दरवाजेपर जा गिरा और पिर पैरको पक्टकर इतने जोरसे घुमावर फेंका कि वह चौमाके दौमापर जाकर गिरा। लोरिककी ऐसी शक्ति देसकर अगोरियाके नर नारी दग रह गये। बाराव महराचे द्वारपर पहुँची । द्वारपूजावे पश्चात् विवाहका कार्य आरम्भ हुआ । सवस्ने मितासे वहा~यहाँका राजा बहुत चाललक है। अगर हम होशियार नहीं रहे तो हो सकता है मण्डपम ही ले जाय। अब आप सतर्क होकर द्वारपर जा