पृष्ठ:चंदायन.djvu/३८१

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३७३ मण्डपमे जाने दो। यह मुनकर मिताने दरवाजा खोल दिया और वह भीतर घुस गया। सखियों में घुसकर वह भी मगलाचार गाने लगा । सभी सरिरयों का स्वर एक-सा उठता था, किन्तु उढियाने स्वरमे अन्तर पड जाता था । यह देखकर समी सखियोंको तत्काल सन्देह हो गया कि स्त्रीका वेश बदल्कर कोई पुख्य हमारे बीच घुस गया है । यह सोच कर उन्होंने गाना बन्द कर दिया। ___मजरी सोचने लगी कि इन रोगोंने गाना क्यों बन्द कर दिया और उनकी ओर देखने लगी । देखते ही उसने डढियाको पहचान लिया । वह सोचने लगी कि शत्रु मण्डपमें घुस आया है । वह स्वामीको मारकर मुझे चौक्में ही विधवा बना देगा। अत. कोई ऐसा उपाय करना चाहिए कि स्वामीको यह बात मालूम हो जाय । लेकिन यदि मै बोलती है तो मण्डममें लोग हँसी उडायेंगे कि अमी ब्याह हुआ नहीं कि मैं अपने पतिसे बात करने लगी । इसलिए कोई दूसरा उपाय निकालना चाहिए । यह सोचकर भींद आनेका बहानाकर वह आगे-पीछे, दाएँ याएँ झुक्ने रुगी और जाकर रोरिकके ऊपर लुढक पड़ी और उँगलीसे सोदकर समेत लगी। लोरिकने सोचा कि हमें पैसी पागल स्त्री मिली है, जो चौकपर ही मुझे खोद रही है । घर जानेपर पता नहीं क्या करेगी। वह यह बात सोच रहा था कि सारी सखियाँ एक एक कर मिल्ने आने लगी और जब सब मिल चुकी तो डढिया सामने आया। उस समय पिर मजरीने उसे उपसाया। तब लोरिकको ध्यान आया कि शत्रुको देखकर पनी मुझे चेतावनी दे रही है। उढियाको देखते ही उसने जान लिया कि वह स्त्री नहीं है और राग लेकर होशियार हो गया। जब डढिया आकर लोरिकये बगल में पडा हुआ तब लोरिक्ने उसे ध्यानसे देवा । जिस चादरसे उसया मजरीके साथ गट-धन हुआ था, उसे तत्काल उतारकर उसने एक तरफ रख दिया और खडा हो गया फिर अपने डनियाकी साडीका छोर पींच लिया। यह नगा होकर भागा। तदनन्तर सखियाँ वर-वधूको कोहबर ले गयीं और उनके साथ मजाक करने हगी। जब ये चली गयी तब लोरिक्ने मजरीसे कहा-जब मैं विवाहके लिए चल्ने लगा था तो भाभी मदागिनने मुझे चावल बनाकर पिलाया था और कहा था कि अब तुम विवाह करके कोहवरमें जाओगे तभी भूस लगेगी। उनकी बात सच जान पडती है । अब मुझे भूख लगी है। मजरो बोली-जर सब सखियाँ यहाँ थी तब तो आपने कुछ कहा नहीं। उस समय तो मैं चावल मॅगाकर आपसे सिला भी देती। नर वे चली गयी, तर आप कह रहे हैं। मैं कैसे खिलाऊँ ? रसोई घरके दरवाजेपर भाभी लेटी हुई हैं। मैं जाली है और अगर वह जाग गयी तो मेरा बड़ा उपहास होगा। अर रात भर चुपचाप सो रहिये । मुबह सपियाँ आयेंगी तर मैं भोजन मँगा दूंगी। लोरिक बोग-नहीं, मुझे तो इसी समय जोरोंयी भूख लगी है। यह मुनकर मजरीने सोचा कि ये मेरे सत्की परीक्षा ले रह है। फलत उसने