पृष्ठ:चंदायन.djvu/३८३

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३७५ टठकर ऊदलकी ओर मागीं। उनरे भागनेसे धूल उडकर जब ऊदलकी नाक धुमी तो वह छौंकता हुआ उठ खड़ा हुआ। देखा माठेका दरवाजा खुला हुआ है और सामने लोरिक खडा है। तत्काल वह लडनेके लिए तैयार हो गया। दोनोंमे शत तय हुई कि पहले तीन बार ऊदल वार करेगा और उसके पीछे तीन बार लोरिक करेगा। ऊदल्के तीनो बार साली गये और लोरिकने एक ही बारमे उसका सिर काटकर नीचे गिरा दिया । अदरका सिर उडवर इद्रके दरबारमें पहुँचा और वहाँ नाचने लगा । इन्द्रने उसे देखकर कहा-अभी तुम्हारी मौत नहीं है, तुम यहाँ कैसे आ गये १ वापस जाओ। और वह सिर पुन आकर घडसे युद्ध गया और ऊदल उठकर खडा हुआ और लोरिकसे फिर डना शुरू किया। लोरिक्ने पुन अपनी खड्गसे उसका सिर काट दिया और वह पुन इद्रके दरबारमे पहुँचा । इद्रने युन घहॉसे पदेडा और वह पिर आकर अपने धडसे जुड़ गया । तीसरी बार जर लोरिक खडग लेकर आगे बढ़ा तो देवीने उस सचेत किया कि यदि इस बार उसका सिर इद्रके दरबारमें पहुंचा तो इद्र उसे आशीश दे देग। यदि वह पुन धडसे जुट गया तो पर वह न कभी काटे कटेगा, न मारे मरेगा, न पानी में देगा और न आगमें जलेगा। उस समय उसे मार सकना असम्भव होगा। इसलिए दायें हाथसे सड्ग चाओ और बायें हाथसे उसका सिर ल्पक लो ताकि उसका सिर यहा रह जाये और वह लडाइके मैदानमे ही मर जाये । तदनुसार लोरिकने खडग मारा और जैसे ही सिर आकाशकी ओर जाने लगा, उसे उसने बाँयें हायसे पकड लिया और उसे लेकर अंगोरिया पहुँचा। और उसे लाकर मण्डपमें राँग दिगा। स्वय कोहारमें जाकर खूनसे सने खड़गको सेजवे सिरहाने रस चादर तानकर सो रहा। गरिकको नीद आ ही रही थी कि डटिया दरवाजेपर आ पहुँचा। स्वप्नमें देवीने मजरीको इसकी सूचना दे दी वह तुरन्त दरवाजेपर पहुँची और दरवाजेकी सॉस मेसे देखा कि डदिया दरवाजा रोककर खड़ा है। लोटकर उसने लोरिकका हाय हिलाकर इशारेसे बताया कि चाहर शत्रु आया हुआ है। लोरिकने उठकर वैसे ही दरवाजा सोल, ढिया भाग खडा हुआ । लोरिक्ने झपटकर पकड़ लिया और उसका सिर काट डाला। पिर मुण्डको इतनी जोरसे पका कि वह मल्यगितके दरबारमें जा गिरा । लेरिक पुन आकर कोहबर में सो रहा। जा आकाशमें लारी छायी और कोयल बोल्ने लगी तो अनुपियाकी नींद टूटी। वह झाडू लेकर घर बुहारने लगी। घर बुहारवर बह आगनमें पहुँची। आगन बुहार चुकी तो सिर उठाया। देसा-मडपमं एक सिर लटक रहा है। उसे देखते ही वह रोने लगी। उसका रोना सुनकर सब लोग वडापर उठे । मडपमें आवर मुण्डको उहोंने देखा । अनुपिया दौड़कर महरा मनियारवे पास पहुँची उहे जगाया और रो-रोकर बताया कि मल्यगितने लोरिक्को मार डाला और उनका मुण्ड मंडपम टगा है।