पृष्ठ:चंदायन.djvu/३८७

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३७९ अत्यन्त दुखी हुइ और बोली-इज्जत बचानेका जो साधन मेरे पास या उसे तो आपने फेंक दिया। अब में अपनी इजत किस प्रकार बचाऊँगी? इतने में सेना निकट आ पहुँची। लोरिक भी लगोर कस कर तैयार हो गया। गौराके देवी देवताओं को स्मरण कर उसने म्यानसे साइ बाहर निकाल ली। जर सेनाने लोरिकको चारो ओरसे घेर लिया तर लोरिकने सैनिकोको ललकारा और ल्लकार कर लगा उहें मारने। लोरिक को लड़ते देख मलयागतसे उसके मन्त्रीने कहा- जब तक यह अहीर लड़ रहा है, तब तक मजरीका डोला यहाँसे उठाकर रनिवासमै ले जाकर बैठा दिया जाय। वह जब वहाँ पहुँच जायेगी तो आपकी हो ही जायेगी। उसके बाद तो यह अहीर शर्मके मारे जा छिपेगा। यह सुनकर मलयगितने मजरीका डोला उठाने का आदेश दिया। सकट आया देखकर मजरी डोलेसे बाहर निकल आयी । साड़ीको काछपर मूसल उठा लिया और उसीसे लेगोंपर आपात करने लगी। एक ओरसे मनरी पोज पर आघात कर रही थी और दूसरी ओरसे लोरिक। दोनों सेनापर आघात करते करते आमने-सामने आ पहुचे। मजरी मूसल चलाया, लोरिक्ने उसे खड्मपर रोक लिया । और तब दोनोंने एक दुसरेको पहचाना । लोरिक बोला-मै सेको अकेले मारनेके लिए पर्याप्त हूँ। तुम क्यो जूझ रही हो । सेनाको अकेले मार कर ही मैं तुम्हें ले जाऊँगा नहीं तो तुम घर जाकर अपनी बडाई क्रोगी कि पतिके साथ मैं भी ल्दी थी और रुडकर मैंने ही जीत करायी । इस तरहको बातमें मेरो बदनामी होगी। ___ इतना कहकर लोरिकने मजरीको अलग कर दिया और फिर जूझने लगा । सवा पहर तक लडाई होती रही । अतमें सेना मर कर समाप्त हो गयी। __मल्यगितने तर अपने भानजे निर्मल परिहारको तत्काल सेना रेकर आनेको कइला भेजा । सूचना मिलते ही निर्मल्ने छत्तीस हजार सेना तैयार करायी । घर में नयी आयी बहूने उसे रोकनेकी कोशिश की परतु उसकी बात अनसुनी वर वह अगोरिया पहुंचा। ___ तत्काल अपने हाथी वरुणाको मदमत्तबर अन्सी मनकी जजीर देकर चौसासी ओर भेजा । करुणा इन्द्रका हाथी या और उसे उहोंने अपने भक्त निर्मरको दिया था । उसे आते देख मजरी डोलेसे बाहर निकल पड़ी और एक पैरसे सड़ी होकर रहने ल्गी-जिस समय मैं इन्द्रपुरीमे थी उस समय मैंने तुम्हारी बहुत सेवा की थी, उस पातका ध्यान रखकर मेरे सिदृरकी रक्षा करो। मजरीकी बात सुनते ही हाथी नोट पडा । उसे लौरते देश निर्मल्ने सोचा कि अभी उसे पूरा नशा नहीं हुआ है । अत पुन उसे नशा पिलाकर वापस भेजा। उसे आते देख मजरीने लोरिषसे कहा- मालूम होता है निर्मल्ने इस बार उसे नशा सिला दिया है, इसलिए वह इस बार मेरी बात नहीं मानेगा । उसका सामना करने के लिए तैयार हो जाओ।