पृष्ठ:चंदायन.djvu/३८८

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३८० हाथी जजीर उठाकर घुमाने लगा। लोरिक उसे बचाकर इधरसे उधर हो जाता । इस तरह बचाव करते करते जब सवा पहर बीत गया । तर हाथीने मौका पापर लोरिक्यो अपनी सूडमें पपट लिया और अपने पैरके नीचे दबाएर चीत्कार करने लगा। उसकी चोत्कार सुनपर निर्मग्ने मल्यांगितसे कहा कि तुम्हारा दुश्मन मारा गया। लेपिन तत्लाल देवी लोरिखपी सहायता लिए आ पहुँची । दाबनेर लिए क्षयीने जैसे ही पैर उटाया, वैसे ही लोरिक चूदवर दूर जाकर सडा हो गया । देवीने राड्ग चलानेा आदेश दिया। रोरिकने रात पुरसा उपर चूदकर आयीकी सुपर सट्ग लायी। हाथी व्याकुल होकर भाग चला। निर्मलने जब यह देखा तो बोला-यह तो अनहोनी बात हो गयी, और यह मुद्ध होकर अपनी सेना रेपर पाहर निकला और अमिबाण चलाने लगा। रिक उनको अपनी साडसे रोपने लगा । गप निर्मल के सारे अमिबाण समास हो गये तर उसने चन चलाना शुरू रिया । इस प्रकार उसने एक एकर अपने सभी अस्त्र शहर चलाये । जप वे रापय सत्र समाप्त हो गये तब निर्मल और लोरिक दोनों आपस में मिट गये। इस प्रकार पडते लडते जय राया पहर बीता तर देवी अत्यन्त वृद्धाका रूप धारणकर यहाँ पहुँनी और बोली-हमने तो ऐसी लडाई नहीं देती, जिसमें आपसमें गुयार लडते हो । यदि तुग लोगोंये बल हो तो एक दूसरेसे अलग होकर लडो। ___य मुन दोनों एक दूसरेको छोड़कर अलग हुए। निर्मल हटा, शरिष और दूर हटा । ज्य दोनों बाल देकर लनेको तैयार हुए तब देवी लोहेकी खूटी पनापर यहाँ डाल गया, जिसमें निर्मल्या पैर उल्झ गया। लोरिक्ने तत्वाल साँड चलायी, निर्मल जमीनपर गिर गया। निर्मल पिर उठकर सडा हुआ तो होरिने दुसरा हाथ मारा और निर्मल्या सिर कटार अलग जा गिरा। यह सिर इन्द्रपे यहाँ पहुँचा । उसे देखते ही इन्द्रन कहा कि अभी तुम्हारी मृत्यु नही है, थापस जाओ। वह सिर पुन लोटपर निर्मल्वे पडसे शुद्ध गया। गिर जुटते ही निर्मल्ने थियार उठाया । रिक्ने दुपारा साद चलायी और गिर पटवर पिर इन्द्रपे पास पहुँचा । इन्द्रने उसे पुन यापर भेज दिया। इस पार लोरिपने छ यार सिर काटा और हर बार वह इन्द्रा पास गया और लौट आया । जब रात पार आकर सिर धडसे पुडा और लरोसिन मारनेको साड उठाया ता देचीने चेतावनी दी कि यदि इस पार उराका सिर इन्द्र पारा पहुँच गया ये अमर हो जायेगा और यह पिर किसी भी उपायये मारे नहीं गरेगा । इसलिए दायें दायो मारो और बाय दायरा उरो पाटो । तदासार लोरिको दाहिने हागमे गड्ग चलायी और यायें हापसे उसका सिर पयडयर भूमिपर पटय दिपा। रि निर्मल्पी रही गद्दी सेनाको भी मार भगाया। पिर यह अपनी पदीय टोरेथे पार जाकर बैठ गया। उधर गौरा गरिकी मो पुल्दनने सप्त देखा कि घटेपे गाथ युद्ध हो रहा है । यद तराल गुरु मिवारे पाग पहुँची और सप्तमी सारी यातें कह सुनायी । मितान