पृष्ठ:चंदायन.djvu/३९

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२६ उन प्रतियोंसे पेवल ४३ कडवक ऐसे प्राप्त हुए है जो रीलैण्ड्स प्रतिमे नहीं हैं । ये कडपक इस प्रकार है:-मनेरशरीफ प्रतिमे २०, यम्बई प्रतिमे ९, पंजाव प्रतिमें ७, होफर पृष्ठमैं १, रामपुर पृष्ठमै १ । इस प्रकार हमे चन्दायनके कुल ३९२ कडक उपलब्ध हैं। यदि आकार सम्बन्धमें हमारा उपर्युक्त अनुमान ठीक है तो अभी ८१ कटवक अप्राप्त है । यदि बीकानेर प्रति प्रकाश में आ जाय तो उससे अनुपल्ध कड- घकोंमेंसे ६०-६१ कडदक प्राप्त हो जाने सम्भावना है और तब केवल अन्तले २०.२१ कडवफ मिल्ने शेष रह जायेगे। उपलब्ध प्रतियोके सण्डित होनेके कारण काव्यको शृखलापद रूप देने में पर्यात कठिनाई रही है। उसे सलाबद्ध करनेमेरीलैण्ड्स प्रति अत्यधिक सहायक सिद्ध हुई। यद्यपि यह प्रति आदि अन्तसे खण्डित है और बीच ये भी कुछ पृष्ठ गायत्र है, तथापि वह अपने आपमे प्रमबद्ध है। कुछ ही स्थल ऐसे हैं, जहाँ विसी प्रकारका व्यतिरुम है। सण्डित होने पश्चात् क्सिी जानकारने उन्हें क्रमबद्ध पर पृधाकित किया है। इन पृष्ठाकोको आधार मानकर बीकानेर प्रति प्रकाशमे आये अशों के सहारे हमने ग्रन्थको सूत्रबद्ध करनेका प्रयत्न किया है। बीकानेर प्रतिको प्रकाशित सामग्रीसे ज्ञात हुआ कि रीलैण्ड्स प्रतिका पाँचवाँ फरवय काल्यका चौवीसवाँ पडवा रहा होगा । अतः हमने उसे आरम्भके कडवकोकी गणनाका आधार बनाया। इसी प्रकार बीकानेर प्रतिके अन्तिम कडवरको संख्या ४३८ मानकर हमने आगे पीछेके कडवकोकी सख्या निर्धारित की है। ऐसा करनेपर हमें ज्ञात हुआ कि रीलैण्डस प्रतिमें ४३८३ कडवकके आगेके १४ फडवक ऐसे है जो चीकानेर प्रतिम नहीं हैं। सूचबद्ध करनेमे मनेर शरीफ प्रति भी सहायक सिद्ध हुई है। उसमें लिपिकारने जो पृष्ठ-सख्या दी है, उससे हमने रीलैण्ड्स प्रति पृष्ठोंका तारतम्य स्थापित किया है; रीलैण्ड्स प्रतिके पृष्ठ २२६ और मनेर शरीफ प्रतिके पृष्ठ १४५अ पर अकित कडवक एक है । अतः हमने उक्त कडवककी सख्या मनेरशरीफ प्रतिरे अनुसार २८९ स्वीकार किया है। इस प्रकार काव्यके आदि, अन्त और मध्यके कडवशेकी सख्या निर्धारित कर प्रसगके अनुसार विभिन्न प्रतियोंसे प्रास नये कइयकोमो यथास्थान ररनेकी पेश की गयी है । काव्यका इस प्रकार प्रथित जो रूप प्रस्तुत किया जा रहा है, वह मूल प्रन्यके कितने निकट है यह तो भविष्य ही बतायेगा, जय काव्यको कोई पूरी प्रति प्रकाशम आयेगी। अभी तो हम यह आशा ही प्रक्ट कर सकते हैं कि यह मूलसे यहुत दूर नहीं है। प्रस्तुत म्पर देखनेसे ज्ञात होता है कि इसमे निम्नलिखित कडागेका अभाव है:- १-१९ (इसमे दो क्डवक होफर और बम्बई प्रतिसे उपरथ है, पर उनका निश्चित स्थान यताना कठिन है), २३, ३४, ५४ ६५ (इससे ३ कडक पंजाय