पृष्ठ:चंदायन.djvu/३९३

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३८५ मेरा रास्ता रोका है। यदि मुझे जीवित रसना चाहती हो तो तत्काल फुहियापुर जाकर स्वामीको सूचना दो और उन्हें बुला लाओ। उसकी बात सुनते ही खुलहिन पुहियापुर चली। मिता और लोरिक दोनों ल्ड रहे थे। मॉको आते देख दोनों खड़े हो गये और असाड़े के बाहर आये। माँ से कुशल पूछने लगे। माँने सारी स्थिति कह सुनायी। सुनकर मेरिक गुस्मेसे लाल हो गया और गुरू मिताका आशीर्वाद लेकर गौराको ओर चल पडा। बटवाने उसे देखते ही नमस्कार किया और अपने आनेका उद्देश्य कह सुनाया और कहा कि उसने कुएँको छोड़ रहा है, जिसमें वह और मिला पानी भरते हैं। अतमें बोला-तुम और मिता भले ही पानी भरो लेकिन दूसरोंको मैं पानी भरने न दूँगा । यदि तुम भरे गुरूभाई न होते तो इसमे भी हड्डी डाल देता । अभी मैंने पानी रोका है, पीछे रास्ता भी रोक दूंगा। यह सुनकर लोरिक बहुत बिगडा। बोला--चमार होकर तुम अहीरकी बेटीसे विवाह करना चाहते हो । पहले मुझसे हाथ मिलाओ पीछे चदासे शादी करना। फिर क्या था। दोनों परस्पर भिड गये। लेरिकने बठवाके दोनों पैरोंको पकडकर ऊपर उठा लिया और इस प्रकार फेंका कि यह दूर जाकर गिरा, फिर वह उसकी छातीपर सवार हो गया और क्टार निकाल ली । कटार निकलते देरा बठयाने दुहाई दी- तुम मेरे गुरुमाई हो । जीवनभर उपकार मानूँगा, मुझे छोड दो। लोरिकने कहा-यदि मैं तुम्हें यों ही छोड़ देता है। तो तुम नगल्में जाकर सबसे अपनी बडाई करते फिरोगे । इसलिए तुम्ह गौरा आनेकी सौगात मिलनी ही चाहिए । और उसने उसका दाहिना आषा हाथ और नाक काट ली। लोरिकने बठवाको गौरासे भगा दिया, यह सूचना जब सहदेवके महल में पहुँची तो उसकी खुशीका कोई ठिकाना न रहा । चदाने मन ही मन निश्चय रिया कि गेरिकने मेरी इज्जतकी रक्षा की है, मैं अपनी इज्जत उसे ही दूंगी। यदि उन्होंने - मुझे अपने साथ रखना स्वीकार नहीं किया तो मैं किसी औरके साथ नहीं जाऊँगी वरन् जहर खाकर मर जाऊँगी। यह निश्चय पर वह लोरिपसे भेंट करनेका उपाय सोचने लगी। उसने अपने पिताको पत्र लिखा कि मेरी इज्जतकी रक्षा हुई है, इस खुशीमें आप सारे गौरा निवासियों को दावत दीजिए। उसके पिठाको यह बात पसन्द आयो । उसने तत्काल छत्तीसो जातियोके पास ज्योनारका निमत्रण भेज दिया। ज्योनारये दिन जोलिस योग्य या, उसको उसी तरह बाहरसे भौवरतक ठिाया गया । ज्योनार में लोरिक भी मिता और सँवरूके साथ गया। जब ये तीनों व्यक्ति आँगनम एक झरोपवे नीचे बैठे तो चदा भी उसी झरोसेमें जा बैठी, जर ल्योनार समास होनेको आयी तो धीरेसे पानकी एक खिल्ली नीचे गिरा दी, जो लोरिक्र पत्तलम जा गिरी।