पृष्ठ:चंदायन.djvu/४०२

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लोरिक अपने रास्ते चल पडा और हरदी पहुँचकर महीचन्दका पता लगाया । महीचन्दने उन दोनोपा बड़े प्रेमसे वेटी दामादकी तरह स्वागत किया। चन्दाने रिक्को दो अशी देकर कहा कि रास्तेमें तुम्हें बहुत जूझना पड़ा, बहुत थक गये हो। जापर शराब पी आओ, सारी यकान मिट जायेगी। तब तक मैं भोजन तैयार करती हूँ। लोरिक अशपियाँ लेकर निकला। मट्टियों में जाकर शराबका नमूना चखने लगा। पर उसे अपने मनके अनुकूल कहीं शराब न मिली । अतमे जमुनी रुवारिन भट्टीपर पहुंचा। जमुनी रिकको देखते ही उसके रूपपर मोहित हो गयी और उसके लिए विशेष स्पसे शराब तैयारकर चसनेको दिया । उसे चलते ही लोरिक प्रसन्न हो उठा । देसते देसते वह बारह योतल शराब पी गया। तब उसने जमुनीपर दृष्टि डाली। दोनोंकी आसे चार हुई और वह वही जमुनीके सग सो रहा । आधी रातको यकायक लोरिको कानमे ताल ठोकनेरी आवाज सुनाई पड़ी। सुनकर उसने जमुनोसे उसके सम्बन्धमे पृछा। पहले तो जमुनीने बात टाल्नेकी घेण की। पर जन लोरिक न माना तो उसने बताया कि हरदीमें एक बुढिया रहती है। उसपे एक लडका है। एक दिन जर राजा महुअरी अपने हाथीपर बाजारमें घूम रहे थे तो उस रुटकेने उनके हाथीकी पूँछ पक्ड ली और पीछेकी ओर सींचने लगा। पीलवान कितना भी अकुश लगाता, हाथो पीछे ही हटता जाता। यह देखकर राजाने उस ल्टको अपने हाथीपर नटा लिया और उसका नाम गजभीमल सा । उन्होंने उसने लिए साने पीनेको पूरी व्यवस्था कर दी है और मासिक चेतन निश्चित कर दिया है। उसे उन्होंने गेड भापुर भसाडेरा सरदार बनाकर भेज दिया है। वहाँ यह सोलह गे पहलवानोंको सिसाता है। उसीने गेडआपुर असाहेमें सलामी दी है, उसीकी या आवाज थी। यह मुनपर लोरिक योा-यह भीम वैसा वीर है, जिसकी हरदी में प्रसा होती है । जिस समय में अगोरियाम विवाह करने गया था, उस समय मैंने सीन सी साठ साथियोंगी ऍह पाट डालो, मगर रिसीने मेरा नाम नहीं बदला । मुशे काग याप माये रसे नामसे लोरिक ही पुरते रहे। और इसने हाथीकी पूल पकडवर घसीट भर रिया तो उसका नाम 'गज भीमल' दो गया। मुबह हुई तो शरिफ महीचन्दये पर रोग। चन्दा लोरिको देखते ही दवप्रम हो गयी-मजी सिंदरती उपेक्षा पर, भुलावेमें टाल पर मैं इन्द यहा। आयी और यहाँ आते ही हरदीमें मेरी कौन त पैदा हो गयी। यह सोचते हुए उसने होरिक्या स्वागत किया । लोरिप मह हाथ धोकर जलपान पर सो रहा। नगरमें जिस किसीन भी होरिययो देखा, वह समय हो उठा । लोग जापर राजा महुअर वान मरने लगे कि महीचन्द ने विसी आयुषो अपने परम लाकर रख छोटा है। राजाने तयार नहीचन्दफे पास टिपे परदेशीको घुला नेरे लिए सिपाही भेजे । सिपाहियों ने जाकर यह पात महीचन्दसे कही। सौरिखने जब यह बात सुनी तो