पृष्ठ:चंदायन.djvu/४०८

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सदर और सुवेचन नामक दो यमर्नेको जमते ही उनकी माने परित्याग कर दिया था। उन पिताका कोई पता न या। सँवरको रोरिस्थी माँने अपने बच्चों तरह पाला पोसा । लोरिक्का जन्म सँवरसे कुछ महीने बाद हुआ था । इससे लोरिकको उसकी मॉने सँवरको वडा माई मानना सिखाया। सुबेचनको मकराकी पत्नी दिरमीने पाल। होरिक वडा दुस्साहसी व्यक्ति या और वह शातिपूर्वक अपने नगर और अपने कोटमें रहना जानता ही न या। अपने विवाह होनेके याद ही वह अपनी ही सरीती एक दुस्साहसी लडकीको, जिसका पति जीवित था, लेकर सुदूर पूर्व स्थित हरी नगरको भाग गया। ___ लोरिक अपने घरसे बारह यरस बरु गायब रहा। उसकी कोई सपर नहीं मिली। इस बीच उस ण्डकीकी माँ, जिसे लेकर वह लौरिष माग गया था, मकराये पास गयी और उसने उसरे चरणोंपर सोनेसे भरी टोरी बिसेर दी और इस अपमानका बदला लेनेरे लिए उसकाया। उसने कहा कि लोरिकरे बदले उसपे माई सँवरका सिर काट लिया जाय और लोरिक्की परित्यत्त पत्नीको पक्ट मगाया जाय । पहले तो चेरा राजा झिझका पर पाछे राजी हो गया और मपराये गप युद्ध परते हुए एप ही दापमें सँर मारा गया। लोरिफके बदरे उसका सिर पिपरी राया गया। जब लोरिस्को इसपी सपर हरदीमें एक बनजारेसे लगी तो उसे अपनी पत्नी परित्यागपर पडा पश्चाताप और माई सँवरको मृत्युपर घोर दुःख हुआ। वह तत्काल बदला लेने पिपरीपी और चल पडा और पिपरी पहुँचपर उसने मारा, उसफे देगे और वहाँक समत निवासियोंको मार डाला। एक दिन मकराये वेटे देवसीने लोरिकको निहत्या पार अचानक मार डाला। तब संवरने बेटे संवरचीतने अपनी सती माँगा स्मरणकर देवसीपर वाण चलाया, जिससे वह मर गया । डब्लू ऋक्ने अपनी पुस्तक पापुलर रेटिजन एण्ड पोक्लोर आय नर्दर्न इंडिया में इससे सर्वया मिन्न एव क्या दी है और उसे मिर्जापुर क्षेनमें प्रचलित बताया है। उनकी क्या इस प्रकार है- एक समयमें सोन नदी किनारे अगोरीया कोट था। यहाँ एक वर्वर राना राज करता था। उसी आश्रित मज्रो नामक एक ग्वालिन थी। उसे उसेसरी जाति वारिक नामक युघर प्रेम करता या। लोरिकका भाई अपने भाईये साप ममरीका विवाह कर देनेका प्रसाव रेकर आया | रागने उसे अस्वीकार कर दिया । तब यह उस बालिकाको रे भागा। गलने अपने सुप्रसिद्ध मदमत्त हाथीपर चदपर उसका पीटा रिया।रोरिकने अपनी गाडये एक ही बारसे उसे मार गिराया। मग्री भागते समर युछ सोचकर अपने साप निारी गाँट ले आयी थी । घे १ भाग २ विरनिर०, १८९६, १४ १६० १६१ ।