पृष्ठ:चंदायन.djvu/४१०

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४०२ एक दिन रातको चानन एक पेडके नीचे सो रही थी कि उसे एक साँपने डंस लिया और वह मर गयो । लोरिक उसके वियोगमें इतना दुखी हुआ कि चिता बनाकर चाननके शवके साथ स्वयं जा बैठा और आग लगा दी। किन्तु पिसी अदृश्य शतिने आकर उसकी अग्नि बुझा दी। लोरिक्ने पुनः आग लगायी और फिर उसी अदृश्य शक्तिने उसे बुझा दिया। यह प्रम कुछ देर तक चलता रहा। आकाशमैं देवता यह देखकर बहुत चिंतित हुए कि एक पति अपने दिवंगत पत्नीवी निता पर जल मरनेका प्रयत्न कर रहा है । अतः उसे इस मार्यसे विरत करनेके लिए उन्होंने दुर्गाको पृथ्वी पर भेजा। दुर्गा बुढियाका रूप धारण कर लोरिकके पास आयीं और उसे समझाने लगी कि वह चितापर न जले। किन्तु लोरिक अपने निश्चयसे टससे मस न हुआ । अन्ततोगत्वा हार मानकर दुर्गाने उसकी पत्नीको जीवित करनेका वचन दिया और जिस सॉपने चाननको डॅसा था, उसे बुलाया। साँपने आवर घावसे अपना सारा जहर चूस लिया और चानेन पुनः जीवित हो गयी। दोनों प्रेमी यहाँसे आगे चले और रोहिनी पहुँचे, जहाँ महापविया नामक सुनार राज्य परता था । उरा राजाके कर्मचारियोंने वहाँ उन्हें घेर कर महल्में चलकर गुआ खेल्नेका आग्रह किया । राजा महाधूर्त था। उसने अपने बनाये हुए पासेसे जुआ सेल्पर लोरिकवा सब कुछ, यहाँ तक कि उसकी सुन्दरी पत्नी चाननको भी, जिसपर कि उसकी आँस लगी हुई थी, जीत लिया। किन्तु चाननने कहा--जब तक मुशे सेलम न हरा दो, में आत्मसमर्पण न करूँगी। निदान पिर सेल आरम्भ हुआ। इस बार चाननने बनावटी पासेको उठाकर पंक दिया और अपने पासेसे खेल्ने लगी। राजाने जो कुछ जीवा था, उसने यह राम धीरे धीरे जीत लिया। रोहिनीसे वे दोनों हरदी पहुँचे । लोरिक वहाँके राजाके पास गया । विन्नु उसे समुचित अभिवादन नहीं किया। इससे राजा बहुत रुट हुआ और बोला- हमारी गायें चराना स्वीकार परो, वमी तुम हमारे राज्यमें रह सकते हो। लोरिकने भी धुन्ध होकर उत्तर दिया-मैं तुम्हारी गायें तभी चयऊँगा, जर तुम्हारी बेटी स्वय दूध दुहाने आया करे। पल्तः दोनों में युद्ध हिट गया और सात दिन रात रात निरन्तर युद्ध होता रहा । राजाकी यहुत वटी सेना मारी गयो । चानेनने दुर्गा भनौती मानी कि जीत होनेपर मैं अपने प्रथम जात पुनकी भेंट चढाऊँगी। पलतः दुर्गाने आवर लोरिवरी सहायता की और उसकी विजय हुई और हरदौके पराजित राजाने रिक्यो अपना सहभागी राजा घोषित किया । इस प्रकार लोरिक यारह बरस तक हरदी राज परता रहा। हरदीमें राज करते हुए एक दिन रातमें रिक्ने एक मुटियायो मुरी तरह रोते मुना । उसरा पुन रियो पामरो याहर तीन दिनये लिए माहर गया हुआ था। पह रोना मुनार उसे प्यान थाया कि इन बारह घरगों में उसकी मां और पत्नीने