पृष्ठ:चंदायन.djvu/४११

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४०३ क्तिना रोया विलाप क्यिा होगा। इसका शान होते ही वह तत्काल अपनी सुन्दरी प्रेयसी चाननको लेकर अपने घर चल पडा । घर पहुँच कर अपने घरके पास ही उसके लिए दूसरा घर बनवाया। यह कथा भागलपुर गजेटियरमे भी प्राय इन्ही शब्दोम अकित है। यत्र तत्र थोडा विस्तार और कुछ नपी सूचनाएँ हैं। उक्त गजेदिरमें यह कथा हण्टर द्वारा सकलित स्टैटिकल एकाउण्टसे उद्धृत की गयी है। गजेटियरके अनुसार लेरिककी पत्नी माजरने अपने पतिको एक दिन चानैनके साथ प्रेम-कीडा करते देख लिया । तब पर आकर उसने ज्योतिष ग्रन्थीको देखा और उसे ज्ञान हुआ कि उसका पति उसी रातको भाग जानेकी योजना बना रहा है। इस अन्यमें चाननफे पिताका नाम सहदीप माहार बताया गया है। गजेटियरमें दूसरी नयी बात यह है कि जब चानन लोरिक्को उस पेडके नीचे नहीं पाती, जहाँ उसने मिल्नेका वादा किया था. तो उसपर लाल रंगसे पाँच चिह्न यनावर पीछे हटकर दुर्गाका स्मरण करती है। तीसरी नयी सूचना गजेटियरमें यह है कि जब हरदीका राजा पराजित हो गया तो लोरिकसे बोला कि यदि तुम मेरे प्रतिद्वन्दी हरवाके राजाका सिर काटकर ला दो मैं तुम्हें अपना आधा राज्य दे दूंगा | लोरिक ने इसे स्वीकार कर लिया है और उसे पूरा कर दिखाया। अन्तिम नयी ज्ञातव्य बात गजेटियरमें यह है कि बुढियाको रोते देखकर लोरिकने अपनी प्रेयसीको उसका कारण जाननेके लिए भेजा और स्वय भी उसके पीछे पीछे छिपकर गया और उन दोनों की बात सुनने लगा। बुढिपाने बताया-मेरा बेटा परदेस गया है । तीन दिनसे नित्य भोजन बनाकर उसकी प्रतीक्षा करती हूँ कि वह आता होगा किन्तु वह अबतक नहीं आया । निराश होकर तीन दिनके एकत्र भोजन को देखकर रो रही हूँ। चाननने यह सोचकर कि लोरिकको यह बात मालूम होगी तो हो सकता है उसे भी अपने माँ और पत्नीकी याद आ जाये और वह उनके पास जानेको आतुर हो उठे। अत वह बुदियासे बोली-यदि लोरिक उसके रोनेका कारण पूछे तो वह अपने रोनेका यह कारण कोई दुर्व्यवहार बताये। लोरिकने छिपकर सभी बातें सुन ली थी । अत जब चानन बाहर आकर यातें बनाने लगी तो उसने उसपर विश्वास न किया और बोला-अगर तीन दिनके लिए जरूरी कामसे जामेपर माँ अपने बेटेके लिए इस तरह रो सकती है तो मेरी माँ और पत्नी मेरे लिए, जो अपने आप पनवास रेकर यहॉ आ बैठा है, कितना रोती होगी। और तत्काल अपनी प्रेयसीके साथ घर लौट आया। मैथिल रूप लोरिक-चौदकी फ्याका जो रूप मिथिलमें प्रचलित है, यह प्रकाशित रूपमें अभी १-पृष्ट ४८५०। २-स पुस्तकका पृष्ट निर्देश गजेरियरमें नहीं दिया गया है। - -