पृष्ठ:चंदायन.djvu/४१४

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४०६ उसरे सात सौ पहलवान गेरुला नामर अखाड़ेमें सुस्ती हटा करते थे। गजभीमल उनका नायक था। वह अजेर समहा जाता था। राजने लोरिकको बुलवाया और एक पत्र देकर उसे गजभीमल्के पास भेजा। रोरिक पत्र ले जानेको तैयार हो गया। चनेनने रागवी घटसाल्से उसकी स्वारी लिये कटरा नामक प्रख्यात पोडेको चुना और उसपर सवार होपर लोरिक गजभीमलने पारा चला। राजाने उस पत्रम गजभीमल्यो आदेश दिया था कि पत्र देखते ही लोरिकको मार डालना। पर लोरिकको मारनेरो कौन कहे, -गजभीमल वप लोरिकरे हायों अपने सात सौ पहल्या!पे साथ मारा गया। उस दिनसे मोचनि राज लोरिक्से भयभीत रहने लगा और किसी प्रकार उने मार डालनेकी मित्रमें रहने लगा। इस बार उसने पन देकर लोरिस्को हवा-परेवारे पास भेजा । हरेवा-चरेवा दो भाई थे और दोनों ही अत्यन्त अत्याचारी थे। उनके मयसे सारी प्रजा प्रस्त थी। लोरिक पर लेकर पहुँचा और बनडिहुलीरे मैदानमें उसको परेवा चरेवासे लडाई शुरू हुई। युद्धमें पहले हरेवाका भगिनेय कोटा रामद का राजकुमार कुंवर अगार मारा गया । पीछे लोरिक्ने हरेवा-दरेवाको भी अपने राङ्गने यमपुर पहुँचा दिया । वहाँले गैटवर लोरिक्ने राणा मोचनिको भी मार डाल। अब सोन्हौलीघाटमें महल बनाकर लेवि और चनेन मुखपूर्व रहने लगे। चन राज काज चलाने लगी। उपर लोरिक वियोगमें उसकी पत्नी मॉरि सुखकर कॉयरोगपी । उसरे गापोंको राजा कोल्ड मक्डा छीन लेगया। उसके साथ रहते हुए छल्से रोरिकका माई साँवर भी मारा गया और साँवरकी पली जलदाम्प देवर सती होगी। इन सर दुखोंसे दुसी होकर लोरिषदे माता पिता अन्धे हो गये। व मारिने देखा कि उसका पति लीटर नहीं आ रहा है तो उसने काने पाल्तु कीधे-बाजिलये पैर पत्र पाँधकर टोरिसके पास भेजा। लोरिक पर पाकर पर लौटनेने लिये व्याकुल हो उटा और चनेन लाख प्रतिरोध करनेपर भी उसे और अपने बेटे इन्द्रजीतको लेकर गाँवकी ओर चल परा। गाँवरे निकर पहुँचकर लोरिक और चनेन, दोनोंने अपना देश बदल लिया और गाँवमें अपना परिचय सझौली राजा-पनीरे रूपमें दिया । चनेनपे कहनेर लोरिक्पे मनम अपने पत्नी माँजरिये प्रति सदेह जागा कि वह निधप ही अपना र सौन्दर्यमें चपर जीवन-यापन परती रही होग। थन. अपने इस सन्देहको पुहिर निमित्त उसने गाँव भरने दूपको सरोदनेकी घोला परा दी। पल्त गॅसी सभी सियाँ उस पास दुध बेचने आयीं । उनले साथ मौजर भी आपी। चनेनने सब खिपोंको तो दूधो मूल्यमें चावल दिये और मांजरिये दूध-पारो होरेमोतिले भर दिये। चनेनने णेचा था कि हीरा मोतियों प्रलोभनमें मॉजरि पुन भायेगे और सझाली नरेश (ोरिक)की अपरायिनी बनना स्वीकार कर लेगी। रितु उम्मी