पृष्ठ:चंदायन.djvu/६

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अनुक्रम

अनुक्रम अनुशीलन वृत्तरता ज्ञापन चन्दायन-परिचय १७-१८ १९-६७ काव्य रचनाकाल उपलब्ध प्रतियाँ मन्थका आकार लिपि पाठोद्धार और पाठनिर्धारण प्रति परम्परा, पाठ-मम्बन्ध और सशुद्ध पाठ भाषा छन्द-योजना रचना व्यवस्था पथावस्तु कथा सम्बन्धी भ्रान्त धारणाएँ क्या-स्वरूपी विशेषता आधार भूत लोक-कथा अभिप्राय और रूढियाँ वर्णनात्मिकता सूपी नत्वोंका अभाव लेक प्रियता परवती साहित्यपर प्रभाव चन्दायन-~मूल काव्य सम्पादन विधि कडवा सूची काव्य