पृष्ठ:चंदायन.djvu/६४

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५२ आ रहा है। जब तक वह यहाँ तक आये, तुम लोग तैयार हो जाओ। यह सुनते ही गोवर भरमें खलबली मच गयी। सब लोग अपनी अपनी पिल शरने लगे। लेकिन मैंनाको ऐसा लगा कि लोरफ आ रहा है। उसने अपनी सास खोलिनसे कहा कि रात बीतते बीतते लोरक्या कुछ न कुछ समाचार मिलेगा। रातको उसने रोरक्ये आनेका स्वप्न देखा है । (४३५-४३९) ५४-सुबह लेरपने माली बुलाया और गोवर जानेको कहा । और कहा कि यह मत कहना कि लोरखने भेजा है। अगर कोई पूछे तो कहना कि अपने आप आया हूँ । तदनुसार मालीने डोल्चा में पुरु मर लिये और गोवरमै घर-घर देता पिरा। फूलेको देखते ही मैंना रो उटी । बोली-फूल उसीरो शोभा देता है जिसका पिय घर पर हो । मेरा पति तो परदेशमे विराज रहा है । मुझे फूल पान कुछ अच्छा नहीं लगता है । पिर वह मालीसे पूछने लगी कि तुम कहाँसे आवे हो? इन फूलो पासमें तो मुझे लोरक जान पडता है । लगता है लोरल्ने हो तुम्हें भेजा है। माली बोला-मैं तो परदेशी है और गोयर नगर देखने चला आया। मैंने अब तक तुम्हारे जैसा विरह विसीमें नहीं देखा। तुम अगर दूध लेकर बागमें आओ तो रक्का समाचार मिलेगा, वहीं उससे भेट होगी। सुबह हुई और मैंना अपनी दस सहेलियोंको साथ लेकर दूध बेचती हुई यागमें पहुंची। दही खरीदनेरे लिए रव ने उन अहोरिनोंको बुलाया और मैंनाको पहचान कर चौदसे कहा कि जो सबसे पीछे आ रही है, उसका दूध दही पर उसे दस गुना दाम देना और बिदाईमें सोना चौदी जैसा समग्ना देना। तदनुसार चाँदने दूध दही रेकर दाम दिलाया और उन सब दूध वाल्यिोंका सीप सिधोरा रेकर मांग भरवाया । सबने सिदूर चन्दन लिया, पर मैंनाने अपना भूगार नहीं करने दिया। बोली-सिदूर वह करे सिया पति हो। मेरा पति तो हरदाम सो रहा है। जब तक वह मुझे तने हुए है, तब तक मुझे इसकी इच्छा नहीं है । ऐसी कह कर वह अपना दुख प्रकट करने लगी। जब मैंना जाने लगी तो लरक ने रोक लिया और छेडछाड पर उससे उसका भेद रेना चाहा । मैंना बिगड उटी और मुद्ध होकर घर चली गयी। (४०४४५) ८५-दूसरे दिन सुबहको पिर अहोरिनें लेरक्ये शिविरम गयीं। चाँदने मनको देखकर भीतर बुलाया और होरक्की परनी पृठने लगी। मैंनाने कहा कि बारह महीने हुए यह चाँदको लेकर भाग गया। अगर यहीं चाँद मिले तो उसका मैंह याला वर नगर भरमें पिराऊँ। यह सुन चाँद अपनी पढाई करने लगी। मैंना मोप गयी और लाजत होरर चुप रही । लेकिन बातों बातों में बात वट गपी और मैंना चाँद दोनों पररपर जा पहीं। तर रोष वहाँ भाया और उसने अपनेको प्रकट किया। मैंना प्रसन्न हो उटी। रक्ने चाँदयो डॉटा और दासियोंको आदेश दिया कि ये आयर मैनापा गार परें। उसे देखरर लोरर चाँददो भर गया। रातको