पृष्ठ:चंद्रकांता संतति भाग 6.djvu/१९६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
196
 

देंगे, बाबाजी कुछ देखने थोड़े ही आते हैं!

पहला—जैसा कहो।

दूसरा--हमारी तो यही राय है।

पहला--अच्छा चलो, जिसमें तुम खुश रहो, वही ठीक!

"उन दोनों की बातें सुनकर हम लोगों को बहुत सी बातों का पता लग गया।

गिरिजाकुमार की बात सुनकर मुझे बड़ा ही दुःख हुआ, साथ ही इस बात के जानने की उत्कंठा भी हुई कि वे दोनों बेगम के यहां क्यों जा रहे हैं। दिल दो तरफ से खिंचाव में पड़ गया । एक तो इच्छा हुई कि दोनों को कब्जे में करके मालूम कर लें कि बेगम के पास किस मजमून की चिट्ठी ले जा रहे हैं और अगर उचित मालूम हो तो इनकी सूरत बनकर खुद बेगम के पास चलें, सम्भव है कि बहुत से भेदों का पता लग जाये, दूसरे इस बात की भी जल्दी पड़ गई कि किसी तरह शीघ्र जमानिया पहुंचकर गिरिजा- कुमार की मदद करनी चाहिए। जब यह मालूम हुआ कि अब वे दोनों यहां से जाना चाहते हैं, तब हम लोग भी झट पेड़ से नीचे उतर आए और उन दोनों के सामने खड़े होकर मैंने कहा, "नहीं, जानवरों के डर से मत भागो, हम लोग तुम्हारे साथ हैं।"

हम दोनों को यकायक इस तरह पेड़ से उतरकर सामने खड़े होते देख वे दोनों डर गये, मगर कुछ देर बाद एफ ने जी कड़ा करके कहा, "भाई, तुम लोग कौन हो ? भूत हो, प्रेत हो, या जिन्न हो?"

मैं-डरो मत, हम लोग भूत-प्रेत नहीं हैं, आदमी हैं और ऐयार हैं, तुम लोगों में जो कुछ बातें हुई हैं हम लोग पेड़ पर बैठे-बैठे सुन रहे थे, जब देखा कि अब तुम लोग जाना चाहते हो तो हम दोनों भी उतर आये।

एक सिपाही-(घबरायी आवाज से) आप कहाँ के रहने वाले और कौन है ?

मैं--हम दोनों आदमो दलीपशाह के नौकर हैं ।

दूसरा--अगर आप दलीपशाह के नौकर हैं तो हम लोगों को विशेष नहीं डरना चाहिए क्योंकि आप लोग न तो हमारे मालिकों से मिलेंगे और न इस बात का जिक्र करेंगे कि हम लोग क्या वातें करते थे, हाँ, अगर कोई हमारे दरर का आदमी होता तो जरूर हम लोग बर्बाद हो जाते।

मैं--बेशक ऐसा ही है और तुम लोगों की बातों से यह जानकर हम दोनों बहुत प्रसन्न हुए कि तुम लोग नेक, ईमानदार और इन्साफपसन्द आदमी हो और हमें यह भी उम्मीद है कि जो कुछ हम पूछेगे, उसका ठीक-ठीक जवाब दोगे।

दूसरा--हमारी बातों से आप जान ही चुके हैं कि हम लोग कैसे खूखार आदमी के नौकर हैं और आप लोगों से बातें करने का कैसा बुरा नतीजा निकल सकता है।

मैं--ठीक है, मगर तुम्हारे दारोगा साहब को इन बातों की खबर कुछ भी नहीं लगेगी।

पहला--इस समय हम आपक काबू में हैं क्योंकि सिपाही होने पर भी ऐयारों का मुकाबला नहीं कर सकते तिस पर ऐसी अवस्था में कि दोनों तरफ की गिनती बराबर हो इसलिए इस समय आप जो कुछ चाहें हम लोगों पर जबर्दस्ती कर सकते हैं।