पृष्ठ:चन्द्रकांता सन्तति - देवकीनन्दन खत्री.pdf/१८९

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সকারা বর उम्के साथ ही दूसरी जल्लाद मी आगे बढ़ा | अब ये तीन कसी तरह वक्त न कर सके । कुअर अान्दसिंह ने दोनों ऐयारों को ललक :-~ मारो इन जालिर्मों को 1 ये थोड़े से अादमी हैं क्या चीज ? तनो श्रीदमी खबर निकाल आगे बढना ही चाहते थे कि पीछे से कई श्रादमियों ने आकर इन लो को भी पकड़ लिया और यही है, यई हैं !! पहिले इन्हीं को वलि देना चाहिए ! कह कर चिल्ला । ल । तैमरा हिस्सा समाप्त ।। १६५५ ई-गुट • ' ईस' करणे-३००० प्रति पारिजात प्रेस, आशा ।