पृष्ठ:चन्द्रगुप्त मौर्य्य.pdf/१३

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चन्द्रगुप्त के बारे में कुछ तुच्छ बाते लिख दी है, जो कि बिलकुल असम्बद्ध ही नहीं, वरन् उलटी है। जैसे-'चन्द्रगुप्त नाइन के पेट से पैदा हुआ महानन्दिन का लड़का था।' पर यह बात पोरस ने महापद्म और घननन्द आदि के लिए कही है*[१] और वही पीछे से चन्द्रगुप्त के लिए भ्रम से यूनानी ग्रन्थकारो ने लिख दी है। ग्रीक इतिहास-लेखक Plutarch लिखता है, कि चन्द्रगुप्त मगध-सिंहासन पर आरोहण करने के बाद कहता था कि सिकन्दर महापद्म को अवश्य जीत लेता, क्योंकि यह नीचजन्मा होने के कारण जन-समाज में अपमानित तथा घृणित था। लिवानियस आदि लेखको ने तो यहाँ तक भ्रम डाला है, कि पोरस ही नापित से पैदा हुआ था। पोरस ने ही यह बात कही थी, इससे वही नापितपुत्र समझा जाने लगा, तो क्या आश्चर्य है कि तक्षशिला में जब चन्द्रगुप्त ने यही बात कही थी, तो वही नापित-पुत्र समझा जाने लगा हो। ग्रीको के भ्रम से ही यह कलंक उसे लगाया गया है।

एक बात और भी उस समय तक निर्धारित नहीं हुई थी, कि Sandrokottus और Zandrames भिन्न-भिन्न दो व्यक्तियो का या एक का ही नाम हैं। यह तो H. H. Wilson ने विष्णु-पुराण आदि के सम्पादन-समय में सन्ड्रोकोटस और चन्द्रगुप्त को


  1. * Alexander who did not at first believe this inquired from King Porus whether this account of the power of Zandrames was true and he was told by Porus that it was true, but that the king was but of mean and obscure extraction accounted to be a barber's bon, that the queen, however, had fallen in love with the barbor, had murdered her husband and that the kingdom had thus devolved upon Zandrames.

    DIODORUS SICUIUIS
    in History of A S. Literature