पृष्ठ:चाँदी की डिबिया.djvu/२३२

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
चांदी की डिबिया
[ अड़्क ३
 

जोन्स

राना नहीं---

गंजा कान्स्टेबिल

मैजिस्ट्रेट

पुलीस पर हमला करना--

जोन्स

कोई भी आदमी ऐसी बेजा---

मैजिस्ट्रेट

यहाँ तुम्हारा व्यवहार बहुत बुरा था। तुम यह सफ़ाई देते हो कि जब तुमने डिबिया चुराई तब तुम नशे में थे। यह कोई सफ़ाई नहीं है। अगर तुम शराब पीकर क़ानून को तोड़ोगे तो तुम्हें उसका फल

भोगना पड़ेगा। और मैं तुमसे साफ़ साफ़ कहता हूँ कि तुम जैसे आदमी जो नशे में चूर हो जाते हैं, और जलन या उसे जो कुछ तुम कहना चाहो,

२२४