पृष्ठ:चाँदी की डिबिया.djvu/२५

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दृश्य २ ]
चाँदी की डिबिया
 

मारलो

तुम्हारी तो आदत पड़ी हुई है। तुम्हारे शौहर का क्या हाल है?

मिसेज़ जोन्स

[ नर्म आवाज़ से ]

कल रात को तो उन की हालत अच्छी न थी। कुछ सिर पैर की ख़बर ही न थी। बहुत रात गए आए, और गालियाँ बकते रहे। लेकिन इस वक़्त सो रहे हैं।

मारलो

इसी तरह मज़दूरी ढूॅंढ़ी जाती है, क्यों?

मिसेज जोन्स

उनकी आदत तो यह है, कि रोज़ सवेरे काम की तलाश में निकल जाते हैं।

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