पृष्ठ:चाँदी की डिबिया.djvu/४२

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चाँदी की डिबिया
[अङ्क १
 


जाती। अगर तुम्हारे यही ढंग हैं, तो ईश्वर ही मालिक है। मैं तो ऐसी बातों से हमेशा दूर रहा।

जैक

आपके हाथ में हमेशा रुपए रहते होंगे। अगर आपके पास रुपए का ढेर हो तो फिर इसकी ज़रूरत --

जॉन

मेरी हालत ठीक इसकी उलटी थी। मेरा बाप कभी मुझे काफ़ी रुपए न देता था।

जैक

आपको कितना मिलता था?

जॉन

इसमें कोई सार नहीं। सवाल है, क्या तुम अनुभव करते हो कि तुमने कितना बड़ा अपराध किया है।

जैक

यह सब मैं कुछ नहीं जानता। हाँ अगर आपका

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