पृष्ठ:चोखे चौपदे.djvu/२५५

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तरह तरह की बातें

चाहते हैं हम अगर गाना सुना।
तो भले भावों भरा गाना सुनें।।
चौगुनी रुचि साथ सुनने के लिये।
गीत न्यारा रामरस चूता चुनें।।

तब भला किस लिये बजा बाजा।
जब न भर भाव मे बहुत भाया॥
जब सराबोर था न हरिरस मे।
गीत तब किस लिये गया गाया।।

खरी बातें

कौन उनमे बिना कसर का था।
है दिखाई दिये हमे जितने॥
खोल दिल कौन मिल सका किस से।
है खुले दिल हमे मिले कितने॥

ढोल मे पोल ही मिली हम को।
बारहा ऑख खोल कर देखा।।
है वहाँ मोल जोल मतलब का।
लाखहा दिल टटोल कर देखा।।