पृष्ठ:जहाँगीरनामा.djvu/१२६

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जहांगीरनामा।

तुलादान।

१ जमादिउस्मानी (द्वितीय भादों सुदी २) गुरुवारको बादशाह को सौर वर्षगांठका तुलादान हुआ। उसका कुछ रुपया औरतोंको बांटा गया और बाकी रक्षित देशोंके दीन दरिद्रियोंके वास्ते भेजा गया।

दूध देनेवाली हरनी।

दूध देनेवाली एक हरनी भेटमें आई जो नित्य ४ सेर दूध देती थी उसका स्वाद गाय भैंसके दूधकासा था। कहते है कि यह दूध दमेकी बीमारीके लिये लाभदायक होता है।

राजा मानसिंह।

११ (द्वितीय भादों सुदी १२) को राजा मानसिंहने दक्षिण जानेकी आवश्यकतासे जहां उसकी नौकरी बोली गई थी सेना की सामग्री प्रस्तुत करनेके लिये अपने वतन आमेर जानेकी आज्ञा मांगी। बादशाहने हुशियार मस्त नाम खासेका हाथी उसको देकर बिदा किया।

१२ (द्वितीय भादों सुदी १३) को अकबर बादशाहकी बरसी थी बादशाहने मामूली खर्चोंके सिवा चार हजार रुपये उनके रौजे में गरीबों और फकीरोंको बांट देनेके लिये भेजे।

खुसरोकी बेटी।

१७ (द्वितीय भादों सुदी १४) को बादशाहने खुसरोकी बेटीको मंगवाकर देखा। उसकी सूरत बापसे ऐसी मिलती थी कि वैसी किसीकी सूरत कभी मिलते नहीं देखी गई थी। ज्योतिषियोंने बादशाहसे कहा था कि उसका जन्म बापके वास्ते शुभ नहीं है पर आपके वास्ते शुभ है। ऐसाही हुआ। यह भी कहा था कि तीन वर्ष पीछे आप उसको देखें। अब तीन सालकी होजाने पर बादशाहने उसे मंगवाकर देखा।

खानखानांको प्रतिज्ञा।

२१ (आश्विन बदी ८) को खानखानांने निजामुलमुल्कके राज्य