पृष्ठ:जहाँगीरनामा.djvu/१४०

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१२४ जहांगीरनामा। काले हरन काली करनी हरन, पहाड़ी बकरे और रोक ८२ मछलियां कुलंग, मोर, सुर्खाज और सब पखेरू - १२८ ... .. . . . . . . . . . जोड़ १.३६२ !! . . . नौरोजका उपहार। .:.:. :: .. ७ (चेतसुदी) शुक्रवारको मुकर्रबखा खभात.. और . सूरतके बन्दरोंसे आया। जवाहिर, जडाऊ गहने, सोने चांदी के बासन. फर- गियों के बनाये हुए, हबशी लौंडी, गुलाम, अरबी घोड़े और दूसरे उत्तमोत्तम पदार्थ लाया। वह अढ़ाई महीने तक बादशाहके दृष्टि- , गोचर होते रहे.। . . . . . . . . . . ऐसी ऐप्ती भेटें १८ दिन मेख :संक्रान्ति तक अमौरीकी ओरसे अपण होती रहीं। बादशाहने भी कई अमीरोंको झंडे कईको हाथी घोड़े और खिलअत दिये। - खाजा हुसैनको जो खाजा मुईनुद्दीन चिश्तौके पोतोंमेंसे था एक हजार कपये आधे वर्षकी बन्धानके मिले । ::. ... . खानखानांने बादशाहके लिये मुला मौरअली(१). को लिखी हुई यूसुफ जलेखा जिसके पुट्ठों और चित्रों में सोनेका काम अति. सूक्षा और स्वच्छ रीतिप्त किया था अपने वकील मासूमके हाथ भेज़ी वह एक हजार मोहरीको थी। ............ .... .. . १३ (चैत्र सुदी १५) गुरुवारको १८वीं तिथि फरवरदीन महीने की थी और मेख संक्रान्तिका दिन था बादशाहने सब प्रकारके मादक पदार्थ मंगाए और आज्ञा को कि प्रत्य के मनुष्य अपनी रुचिके अनुसार सेवन करे। बहुतीने तो मदिरा पी, कइयोने याकूती ली और कइयोंने अफीम खाई जिससे सभा खूब प्रफुमित (१) मास्त्रता फारतो अक्षर बहुत अच्छा लिहता.या ।