पृष्ठ:जहाँगीरनामा.djvu/१४२

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जहांगीरनामा।

घर ले गये। बादशाहने उसके बेटोंके पास रुपये भेजे। वह लिखता है कि ऐसा मरना मैंने आजतक नहीं देखा था।

उर्छा।

२१ (बैशाख बदी ८) शुक्रवारको किशवरखां दो हजारी जात और दो हजार सवारका मनसब, इराकी घोड़ा और जगजीत नाम खासा हाथी पाकर उर्छा देशकी फौजदारी पर नियत हुआ।

राजा मानसिंहको हाथी।

राजा मानसिंहके वास्ते बादशाहने खासा हाथी आलमकमान नाम हबीबुल्लहके हाथ भेजा।

केशवमारूको खासा घोड़ा।

केशवमारूके वास्ते खासा घोड़ा बंगाल में भेजा गया।

सन्यासीके चेलेको दण्ड।

कमरदीनखांका बेटा कौकब नकौबखांके लड़के अबदुललतीफ और शरीफ जो कौकबके चचेरे भाई थे तीनों एक सन्यासीके चेले होकर उसके धर्म्म पर चलने लगे थे। बादशाहने उनको बुलाकर कुछ पूछ ताछ की। कौकब और शरीफको तो पिटवाकर कैद कर दिया और अबदुललतौफको अपने सामने सौ कोड़े लगवाये।

अमीरों पर कृपा।

पास और दूरके अमीरोंको सिरोपाव दिये और भेजे गये राजा कल्याणके वास्ते इराको घोड़ा भेजा गया।

आग।

१ सफर (बैशाख सुदी ३) चन्द्रवारकी रातको खिदमतगारोंकी भूलसे ख्वाजा अवुलहसनके घरमें आग लगी जिसमें बहुतसा माल असबाब जल गया। बादशाहने उसकी सहायतके लिये चालीस हजार रुपये दिये।

न्याय।

एक विधवा स्त्रीने मुकर्रबखां पर यह पुकार की कि खंभात बन्दरमें उसने मेरी लड़की जबरदस्ती छीन ली। जब मैंने मांगी