पृष्ठ:जहाँगीरनामा.djvu/३१५

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संवत्१६७४।

२८८ संगत् १६७४। wirrrrrrrrrrrrrrrrr.ran जारेजो बुरा तजे। हिरातमें "कारज" एक स्थान है जहांके गवरबूजोंके बराबर तारे दुरासाजन कहीं अच्छे खरबजे नहीं होते हैं। वहांकी रहर- बूजे १४०० कोससे पांच महीने में आने पर मी तर ताजा आये। आये भी इतनी बहुतायतसे ति सब नौकरोंको दिये जासके। बंगालका कोला। ऐमेही बंगालके कोले भी एक हजार कोस चलकर ताजा पहुंचे। बादशाह लिखता है-यह फल बहुत कोमल होता है इससे भैरे निजके खाने लायक प्यादोंको डाकसे हाथों हाथ पहु- चता है। हाथोके दांत। इसी दिन दमानतखाने दो हाथी दांत भेट किये जो बहुत बड़े थे। एक ३ गज ८ तन्नू लम्बा और १६ तसू मोटा था। तौलमें ३ मन २ सेर निकला। ___ अहमदाबादमें प्रवेश। २५ (माय बदौ ५) चन्द्रवारको छः घडी दिन चढ़े पोछे बाद- शाह अपने सुन्दर और सुशील हाथी सूरत गज पर सवार होकर अहमदाबादमें दाखिल हुआ। लिखता है-“यह हाथी उस समय मल होरहा था तो भी उसके सरल खभावका विश्वास था। बत से स्त्री पुरुष, गलियों बाजारों छतों और दीवारों पर बैठे बाट देख रहे थे । अहमदाबादको जैसी प्रशंसा सुनी थी वैसा न निकला। बाजार चौड़ा लम्बा है परन्तु दुकानें बाजारको चौड़ाईके तुल्य नहीं हैं। सब घर लकड़ीके हैं, दुकानोंके खम्बे पतले और अहे हैं। बाजार और गलियों में धूल उड़ती है। मैं कांकरिया तालसे किले तक जिसको भद्र कहते हैं रूपये लुटाता हुघा गया । भद्रका अर्थ शुभ है। गुजराती बादशाहोंके भवन जो भद्र में थे वह शब इन ५६ पा वर्षो में गिर गये हैं। बर्तमान मकान हमारे नौकरोंने बनाये हैं जो . या अर्थात् जबसे कि उनका राज्य नष्ट हुआ है। .