पृष्ठ:जातिवाद का उच्छेद - भीम राव अंबेडकर.pdf/५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ प्रमाणित है।

जातिभेद का उच्छेद

सामाजिक सुधार बनाम राजनीतिक सुधार

सामाजिक सुधार का मार्ग, कम से कम भारत में, मोक्षमार्ग के सदृश, अनेक कठिनाइयों से भरा पड़ा है। भारत में समाज-सुधार के मित्र थोड़े और समालोचक बहुत हैं। समालोचकां की दो श्रेणियाँ है। एक श्रेणी तो राजनीतिक सुधारकों की है और दूसरी साम्यवादियों की।

एक समय था जब सब कोई यह स्वीकार करता था कि सामाजिक निपुणता के बिना किसी भी दूसरे क्षेत्र में स्थायी उन्नति सम्भव नहीं। तब लोग यह भी मानते थे कि कुरीतियों द्वारा पहुँची हुई हानि के कारण हिन्दू-समाज में सामाजिक दक्षता नहीं रही, इसलिए इन कुरीतियों के मूलोच्छेदन के लिए निरन्तर प्रयत्न होना चाहिए। इस सचाई को स्वीकार कर लेने के ही कारण राष्ट्रीय काँग्रेस के जन्म के साथ-साथ सोशल कान्फरेन्स की भी नींव रखी गयी थी। काँग्रेस देश के राजनीतिक सङ्गठन की कमज़ोरियाँ दिखलाती थी, और सोशल कान्फरेन्स हिन्दू-समाज के सामाजिक सङ्गठन की कमजोरियों को दूर करने का यत्न करती थी। कुछ काल तक काँग्रेस और‌