पृष्ठ:ज्ञानकोश भाग 1.pdf/११२

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1 अजोर्स ज्ञानकोश (अ)६६ अजोर्स होती है। अधिक तापसे इसका स्फोट हो जाता | इसके पड़ोसके सेन्ट मेरीके टापूको इससे । उद्धरानके योगसे इसका रूपान्तर हर अनि कुछ खतरा नहीं पहुंचा है। १४४४-५५ ई. में लिन ( क्लोरो-अनिलीन) में हो जाता है और सेन्ट-मायकेल्समें एक प्रस्फोटन हुआ था, परन्तु नत्र निकल जाता है। उबलते हुए गन्धकाम्नके इस प्रस्फोटनका वर्णन जो दिया हुआ है वह योग से इसका रूपान्तर अमीन-भानल में हो अतिशयोक्तिपूर्ण मालूम पड़ता है। १५२२ ई० जाता है। के उग्र प्रस्फोटनमें तो इस टापूकी राजधानी अँजोप्राण-यौगिक-इसका सुत्र (श, न, प्र. विल्ला फ्रांका ६००० निवासियों सहित जमीनमै न ज्ञ) (मूलक ) है। प्रायः ये जमे हुए पीत समा गयी। इसके बाद १६३०, १६५२, १६५६, वर्ण अथवा रक्तवर्णके मणिभ होते हैं । जन्न अथवा | १७५५, १८५२ ई० इत्यादि भी अनेक भूकम्प नत्र-यौगिकके लवी-करणसे यह तय्यार होता आये थे। इसके पश्चात् यहाँ अनेक ज्वालामुखी है। अल्कहल' युक्त इसे पलाससे गर्म करनेसे स्फोट हो गये हैं। कई समय ( १६३८, १७२०, इसका लघ्वी-करण होता है। ॲजो-यौगिकके १८११,१८६७) यहाँ भूगर्भ जन्य स्फोट भी हुए हैं, प्राणिदीकरणसे भी यह तय्यार हो जाता है। जिनके साथ एक आध टापू समुद्र में से ऊपर आ अज़ोर्स ( Axorcs)-पुर्तगालके अधिकार जाता है। इसी प्रकारका एक टापू जो १८२१ ई. में अटलांटिक महासागरका एक द्वीपसमूह है। में सेन्ट मायकेल्सके पश्चिमी कोने में दो मीलकी यहाँकी जनसंख्या १९११ में २४२६१३ थी। इसका दूरी पर समुद्र में से ऊपर निकला, वह 'साबिना' क्षेत्रफल १२२ वर्गमील है। उ० अ० ३६२५'- नामसे प्रसिद्ध है। ३६५५' तथा प० २०२५ से ३१-१६' के बीच श्रावहया-इस टापूकी भावहवा समशीतोष्ण यह टापू वायव्याग्नेय दिशामें फैला हुआ है। है। जनवरी में छायाम तापमान ४के नीचे इन टायूओंके दूर दूर पर तीन समूह हैं। वे अढ़ाई | और जुलाईमें २ से ऊपर । जाड़े में हवा वायव्य, मील गहरे समुद्र में से ऊपर श्राये हैं। इनमेसे पश्चिम. दक्षिण दिशासे और ग्रीष्मऋतु प्रायः आग्नेय दिशाके समूहमें सेन्ट मायकेल्स, सेन्ट उत्तर ईशान्य और पूर्व दिशासे वहती है। यहाँ, मेरी (सान्ता मेरिया) फोर्मिंगस हैं। बोचके | बड़े बड़े तूफान अकसर आया करते हैं। समूहमै फायल, पायको, सेन्ट जार्ज टर्सेइरा और प्राणि और वनस्पति यहाँ पर पालतू पशुओं अशिरोसा हैं। वायव्यके समूहमें ल्फोर्स और के अतिरिक्त स्वरगोश, चूहा, चिमगादड़ इत्यादि कोन्होटापू हैं। इससमूहमें क्षेत्रफल और आवादी दूसरे पशु पाये जाते हैं। यहाँ पर अनेक प्रकार के ख्यालसे सबसे बड़ा टापू सेन्ट मायकेल है। के पक्षी हैं। परन्तु उनसे फसलका बहुत नुक- (क्षेत्रफल २६७ वर्गमील; आबादी (१९०१)२१३४० सान होता था। इस कारण ४०-५० वर्ष पूर्व है। इस टापूसे योरपका किनारा लगभग ८०० असंख्य पक्षियोंका संहार किया गया था। फायल मील, अफ्रिकाका किनारा १०० मील और अमे- में खेल मछलियोंका शिकार तथा उसका व्यापार रिकाका किनारा २००० मीलसे भी दूर है । तथापि | बहुत होता है। यहाँकी वनस्पतियाँ सामान्यतः यहाँकी श्रावहवा और वनस्पतियाँ योरप-खंडके यूरोपकी वनस्पतियोंके समान हैं । बहुतसे टापूतों टापूओंके समान ही हैं। में घास अधिक पैदा होती है। परन्तु १६ वीं भू-वन-इन सब द्वीपोंकी जमीन ऊँची | शताब्दी तक बड़े बड़े वृज्ञोंकी यहाँ बहुत कमी नीची है और इसमें पठार बिल्कुल नहीं हैं । इनमें थी। नारंगी, नीबू, अनारकी खेती की जाती है । से सबसे छोटा शिखर कोझेका समुद्र-तलसे किसी समय ईखकी खेतीकी ओर बहुत ध्यान ३०० फुट ऊँचा है और सबसे ऊँचा शिखर दिया जाता था। परन्तु आजकल वह खेती पायकोका ७६१२ फुट ऊँचा है। कुछ भागको बिल्कुल बंद हो गई है १६ वीं शताब्दीमें नील छोड़कर प्रायः सव भाग समुद्रकी सतहसे ऊँचा (Indigo) की खेती श्रारम्भ की गई थी परन्तु है । यह ज्वालामुखी-जन्य द्वीप समूह है। जबसे उसको भी इसके समान दशा हुई। इसका पता लगा है तबसे अनेक भूकम्प और श्राबादी और शासन-पद्धति-इस द्वीपमै मुख्य बस्ती ज्वालामुखीके प्रस्फुटन होते रहे हैं। फ्लोर्स, मिश्रवंशके पुर्तगीजोकी है। इनकी नसों में प्यूरिश कोच्छौं, ग्राशिओसा और फायल नामक द्वीप और फ्लेमिश लोगोंका रक्त प्रवाहित होता है। नीनो, निसर्ग क्षोमसे दूर हैं। सेन्ट मायकेल्स भू-कम्प- | इंग्लिश, स्कॉट, और आइरिश लोग भी विशेषतः मंडलका केन्द्र होते हुए भी यह आश्चर्य है कि, सेन्ट मायकेल्स, और फायल टापूत्रोंमें आकर बसे